लखनऊ। यूपी में पिछले एक वर्ष में दुष्कर्म की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। बुलंदशहर की घटना के बाद महिलाओं के अपराध का शिकार होने से संबंधित आंकड़ों की पड़ताल की जा रही है और उन्‍हें रोकने में नाकाम पुलिस की सजगता को भी परखा जा रहा है। राज्य अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक,  उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल (2014 से 2015) में दुष्कर्म के मामलों में 161 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश राज्य अपराध ब्यूरो की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में उप्र में दुष्कर्म की 3,467 घटनाएं हुई थीं,  जो 2015 में बढ़कर 9,075 हो गईं। उत्तर प्रदेश सरकार भी प्रदेश में लगातार बढ़ रही इन घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। यूपी पुलिस की बात करें तो वह अपराधियों के सामने बेबस सी नजर आ रही है। ये आंकड़े आम आदमी में भय पैदा कर रहे हैं।

प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर जब अपराध ब्यूरो के एक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आंकड़े इस बात की ओर संकेत करते हैं कि पिछले एक वर्ष के दौरान दुष्कर्म के मामलों में 100 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ आप यह भी कह सकते हैं कि अब लोग पुलिस के पास अपनी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं,  इसलिए पिछले वर्षों के मुकाबले आंकड़ों में इजाफा हुआ है। अधिकारी ने बताया कि दुष्कर्म के प्रयास की घटनाओं में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसा तब है जब क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ही मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज न कराने में यूपी ही सबसे आगे है।

राज्य अपराध ब्यूरो के आंकड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी ने कहा है कि यह सही है कि राज्य में दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा हुआ है, लेकिन अच्छी बात यह है कि पहले के मुकाबले अब महिलाएं इस तरह के मामलों में पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराने लगी हैं। यूपी में पिछले साल सामने आए रेप केस का आंकड़ा नेशनल एवरेज से भी दोगुना है। देश पर नजऱ डालें तो 2010 से अब तक रेप के मामलों में 65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यूपी स्टेट वीमेंस कमीशन की अध्यक्ष जऱीन उस्मानी के मुताबिक रेप केस बढऩा चिंताजनक है, लेकिन ये अच्छा है कि अब महिलाएं केस दर्ज कराने के लिए सामने आ रही हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही महिलाओं को सुरक्षा देने की बात कह रहे हों लेकिन इस रिपोर्ट ने सरकार की पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश में अपराधियों की बाढ़ सी आ गई है। अपराधी सरेआम वारदात को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध अपराध को रोकने में विफल साबित हो रहा है। पुलिस ने भी अपराधियों के सामने हाथ खड़े कर दिए हैं। आज महिलाएं अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं। उन्हें हर समय डर लगा रहता है कि कहीं उनके साथ कोई अनहोनी घटना न हो जाए। बुलंदशहर में 29 जुलाई को मां-बेटी के साथ हुए गैंगरेप के बाद सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर कठघरे में है। विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है और इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस्तीफे की मांग की जा रही है।