अमृतसर।

देश के सबसे ऊंचे तिरंगे से पाकिस्तान डर गया है। उसे शक है कि इससे भारत जासूसी कर सकता है। यह इतना ऊंचा है कि लाहौर से भी नजर आएगा। अटारी सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी के दौरान भारतीयों की देश भक्ति का जज्बा पाकिस्तान हर रोज देखता है लेकिन अब भारत की आन-बान-शान यानी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लाहौर से ही दिखेगा।

पाकिस्तान की आपत्ति के बाद जून 2016 में ये प्रोजेक्ट लंबित पड़ गया था। पहले तिरंगा सद्भावना द्वार से मात्र 30 फुट की दूरी पर स्थापित किया जाना था। पाक रेंजरों की आपत्ति के बाद इसे ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पर स्थित पंजाब टूरिज्म विभाग की जगह पर स्थापित किया गया है। 1 मार्च 2017 को तिरंगे के पोल में कैमरे होने की बात कहते हुए पाक रेंजरों ने फिर आपत्ति उठाई थी, जिसे बीएसएफ ने सिरे से खाजिर कर दिया था।

रविवार को अंतरराष्ट्रीय अटारी-वाघा सीमा पर देश का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराया गया। 55 टन के पोल पर फहराए गए इस तिरंगे की ऊंचाई 360 फुट है। 120 बाई 80 फुट का तिरंगा 100 किलो वजनी है और अब यह लिम्का बुक में दर्ज होगा। अटारी सीमा से लाहौर की दूरी लगभग 20 किमी है। तिरंगा स्थापित करने वाली कंपनी का दावा कि यह लाहौर तक दिखाई देगा।

गगनचुंबी तिरंगे को लहराने की रस्म अदायगी निकायमंत्री अनिल जोशी,  बीएसएफ के आईजी मुकुल गोयल, डीआईजी जेएस ओबराय, आईजी दिल्ली मुख्‍यालय सुमेर सिंह और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमल शर्मा ने की। तिरंगे के लहराते ही बीएसएफ के जवानों ने गार्ड आफ ऑनर दिया।

देश का सबसे ऊंचा यह तिरंगा अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर नो मेन लैंड से 150 मीटर दूर पंजाब टूरिज्म विभाग के टूरिस्ट इंफरमेशन सेंटर के बाहर स्थापित किया गया है। नगर सुधार ट्रस्ट ने साढ़े 3 करोड़ रुपये की लागत से बजाज इलेक्ट्रिकल की सहयोगी कंपनी भारत इलेक्ट्रिकल होशियारपुर से इसे तैयार कराया है। 55 टन के वजनी और 110 मीटर के पोल को खड़ा करने के लिए मुंबई से विशेषरूप से सात ट्रालों पर स्पेशल क्रेन मंगवाई गई थी।

क्रेन ने पोल लगाने का 78 लाख रुपये किराया लिया है। राष्ट्रीय ध्वज की मेंनटीनेंस का काम तीन सालों तक भारत इलेक्ट्रिकल कंपनी करेगी। राष्ट्रीय ध्वज पर पूरी लाइट जले,  इसके लिए 65-65 फुट ऊंचाई के तीन अलग से पोल लगाए गए हैं। हर पिलर पर 500-500 वॉट के 12 बल्ब लगाए गए हैं। नगर सुधार ट्रस्ट और भारत इलेक्ट्रिकल कंपनी अब देश के इस सबसे ऊंचे तिरंगे का नाम लिम्का बुक आफ वर्ल्‍ड  रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

और भी हैं गगनचुंबी तिरंगे

रांची (पहरी मंदिर): 293 फुट, हैदराबाद (संजीविणा पार्क): 291 फुट, रायपुर (तीलाबंधा झील के पास) : 269 फुट, फरीदाबाद (टाउन पार्क) : 250 फुट, पुणे (कटराज झील के पास) : 237, भोपाल (मंत्रालय के बाहर) : 235, दिल्ली (सेंट्रल पार्क) : 207, लखनऊ (जेनेश्वर मिश्रा पार्क): 207, अमृतसर (अमृत आनंद बाग): 170।