नई दिल्ली।

नक्सलियों और उनके शस्त्रागार को खत्म करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जल्द ही अपने विशेष गुरिल्ला लड़ाई वाले दो हजार कोबरा जवानों को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले और उसके आस-पास तैनात करेगी। एक नए प्‍लान के तहत नक्सलियों से निपटने के लिए सरकार ने कोबरा की 20-25 कंपनियों को बस्तर में तैनात करने का फैसला किया है। कोबरा कमांडो की एक कंपनी में लगभग 100 जवान होते हैं।

गृह मंत्रालय के मुताबिक नक्सली नए इलाकों में फैलने की कोशिश में हैं। इसके पीछे छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सल कमेटी दंडकारण्य का हाथ है। झारखंड, पश्चिम बंगाल,  ओडिशा सीमा पर नक्सली अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। गृह मंत्रालय ने झारखंड पर खास ध्यान देने को कहा है।

कोबरा बटालियन नक्सलियों के नेटवर्क को खुफिया सूचना के आधार पर तोड़ेगी। यह बेहद प्रशिक्षित कमांडो बिना किसी क्षति के दुश्मनों और उनके अड्डों को नष्ट कर देता है। इनकी तैनाती फिलहाल पश्चिम बंगाल,  बिहार,  तेलंगाना और मध्य प्रदेश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में है। सुकमा और इसके आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बलों पर पिछले कुछ समय में घातक हमले हुए हैं।

पिछले 24 अप्रैल को बुर्कापाल इलाके में 25 जवानों को मौत के घाट उतार दिया गया था तो सुकमा में 11 मार्च को हुए हमले में इसी तरह 12 जवानों की हत्या कर दी गई थी। सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन जवानों को जल्द ही उनके मौजूदा स्थान से बस्तर लाया जाएगा।

वर्तमान में कोबरा कमांडो की कुल 154 में से 44 टीमें इस समय छत्तीसगढ़ के बस्तर में तैनात हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सोमवार को बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई जिसमें मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी हिस्सा लिया था।

गृह मंत्रालय ने जहां और अधिक जवानों की तैनाती में असमर्थता जाहिर की है, वहीं केंद्र चाहता है कि किसी तरह की हानि के बिना अभियान की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए। वहीं मंत्रालय ने इन इलाकों में वायु सेना के हेलीकॉटर से निगरानी की अवधि को बढ़ाने की योजना बनाई है। इसमें हेलीकॉप्टर से प्रतिमाह 120 घंटे निगरानी को बढ़ाकर 160 घंटे करने का विचार है।