नई दिल्ली। गुलाम कश्मीर यानी पीओके में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का असर दिखने लगा है। आतंकी इतना खौफ में हैं कि वे पीओके छोड़ कर चूहे की तरह बिलों में छिपने लगे हैं। उन्हें अब यह लगने लगा है कि भारतीय सेना के कमांडो कभी भी उनका शिकार कर सकते हैं। यही वजह है कि आतंकवाद का प्रशिक्षण देने वाले शिविर खाली हो गए हैं। पीओके में 24 आतंकी शिविरों को खाली करा लिया गया है। पिछले दिनों भारतीय सेना के कमांडो पीओके में घुस गए थे और सर्जिकल ऑपरेशन किया था, जिसमें 50 से अधिक आतंकी मारे गए थे। उनके बचाव में आई पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
अब इस कार्रवाई का असर दिखने लगा है। उसका इतना खौफ पैदा हो गया है कि 300 से ज्यादा आतंकी पीओके के प्रशिक्षण शिविरों से भाग खड़े हुए हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक से पहले पीओके के प्रशिक्षण शिविरों में 500 से ज्यादा आतंकी थे। अब सिर्फ 200 के करीब हैं। यह लॉन्चिंग पैड के तबाह किए जाने का असर है। आतंकवादी भारतीय सेना के खौफ में हैं। आईएसआई ने पहले ही 16 से 17 आतंकी ट्रेनिंग कैंपों को सैनिक ठिकानों में शिफ्ट शिफ्ट कर दिया था। लेकिन बाकी 24 प्रशिक्षण शिविरों को आतंकियों ने खाली कर दिया है।
खाली किए गए आतंकी शिविरों में मुज़फ़्फ़राबाद के नज़दीक का लश्कर का मानशेरा का वह कैंप भी है जिसमें 26/11 के आतंकियों को ट्रेनिंग मिली थी। आतंकियों में यह खौफ है कि अगला सर्जिकल स्ट्राइक कहीं उनके कैंप पर न हो जाए और वे बेवजह मारे जाएं। इसलिए प्रशिक्षण शिविरों को खाली कर रहे हैं।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके में प्रशिक्षण शिविरों को खाली कर आतंकी या तो अपने घरों में लौट गए हैं या फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें पीओके में ही सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक जैश, लश्कर और हिजबुल के 200 से ज्यादा आतंकी प्रशिक्षण के बाद घुसपैठ के लिए तैयार बैठे थे।
दरअसल, जिस तरीके से सर्जिकल हमले में सात लॉन्चिंग पैड तबाह हुए हैं, आतंकियों में और उन्हें पनाह देने वाले पाकिस्तानी सुरक्षाबलों में खौफ है। ऐसे में जिन आतंकियों को सैन्य ठिकानों में शिफ्ट किया गया है, उन्हें भी पाकिस्तान की सेना रोक रही है।
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