विशेष संवाददाता
दिल्ली। अपराध की दुनिया से राजनीति में आए बाहुबली मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की मंजूरी नहीं दी गई। बाहुबली मुख्तार अंसारी बसपा प्रत्याशी हैं। गौरतलब है कि, मुख्तार अंसारी इस समय जेल की सलाखों के पीछे हैं, इसलिए जिस सीट से वो चुनाव लड़ रहे हैं वहां चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी उनके परिवार के सदस्यों पर है, जिसके चलते उनके बेटे और विधायक भाई मुस्लिम वोटों को बसपा के पक्ष में करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनके बेटे अब्बास घोसी की उस सीट चुनाव लड़ रहे है जहाँ से पिछले पचास सालों में कोई मुस्लिम चुनाव नहीं जीता है इसलिए इस सीट पर सीधे बाहुबली मुख़्तार अंसारी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है ।
ये बात शायद काम ही लोग जानते होंगे कि मुख्तार के बेटे अब्बास इंटरनेशनल लेवल का शूटर है। अब्बास अंसारी का मकसद भारत को किसी इंटर नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल दिलाना है। बता दें अब्बास ने डीयू से बीकॉम ऑनर्स किया है।
अब्बास के बाहुबली पिता मुख्तार की मऊ में काफी हनक कायम है, जहां से वे चार बार चुनाव जीत चुके हैं। 1969 से ही मऊ की इस सीट से मुस्लिम प्रत्याशी ही चुनाव जीतता आया है। लेकिन वे खुद जेल में है लिहाजा अपने परिवार के जरिए किये जा रहे प्रचार के भरोसे ही जीत की उम्मीद कर रहे हैं । लेकिन मुख्तार के 25 साल के बेटे अब्बास घोसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां साल 1977 से कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता है। इसलिए अब्बास ही नहीं समूचे अंसारी परिवार ने घोसी में पूरी ताक़त झोंक दी है । वैसे मुख्तार के बड़े भाई सिबगातुल्लाह अपने पैतृक घर मोहम्मदाबाद से चुनाव लड रहे हैं। गौरतलब है कि, यहां से उनके भाई दो बार विधायक रह चुके हैं। एक बार इनके दूसरे भाई अफजल भी यहां से जीत दर्ज करा चुके हैं।
इस चुनाव में घोसी सीट से मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास मौजूदा सपा विधायक सुधाकर सिंह और भाजपा के फागु चौहान के खिलाफ चुनावी दंगल में हैं। फागु चौहान तीन बार विधायक रह चुके हैं, वे एक बार बसपा और एक बार भाजपा के टिकट पर भी चुनाव जीत चुके हैं। चार लाख मतदाताओं वाले घोसी क्षेत्र में 75 हजार मुस्लिम और 70 हजार दलित वोट हैं। इसके अलावा 60 हजार वोट राजभर जाति, 45 हजार चौहान जाति और 70 हजार वोट ऊंची जाति के हैं। ओबीसी जैसे यादव और मल्लाह वोट इस क्षेत्र में कम हैं।
विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा हिंदू वोटों को अपनी ओर करने की उम्मीद कर रही हैं, वहीं अब्बास के ऊंची जाति और ओबीसी वोट सपा, बसपा और भाजपा में बंट रहे हैं। सपा उम्मीदवार क्षत्रिय हैं और भाजपा प्रत्याशी लोनिया ओबीसी है। भाजपा को राजभर जाति से भी वोटों की उम्मीद है। भाजपा को ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का सहयोग प्राप्त है।
अब्बास को उम्मीद है कि उसे मुस्लिम और दलितों के अलावा दूसरे समूहों की भी सपोर्ट मिलेगी, क्योंकि क्षेत्र में उनके परिवार का सामंतवादी दबदबा कायम है। अब्बास का कहना है कि- ‘हम लोगों को हर जाति से 15 से 20 फीसदी वोट मिलेगा। हम लोग सामंतवाद के खिलाफ लोगों का समर्थन करते रहे हैं। हम लोग गरीब लोगों की बड़े लोगों के खिलाफ लडाई में साथ देते रहे हैं।’ गौरतलब है कि बहुबली मुख्तार अंसारी ने साल 2012 मेंइस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।