सुनील वर्मा ।
यूपी के पूर्वांचल में आखिरी दौर की 40 सीटों के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन आज भी देश की निगाहें धर्मनगरी काशी पर ही टिकी हुई है। जहाँ पीएम मोदी का मेगा शो लगातार तीसरे दिन भी जारी है। अपने संसदीय क्षेत्र में प्रचार के आखिरी दिन पहले पड़ाव में पीएम मोदी का काफिला सुबह साढ़े दस बजे गढ़वा आश्रम पहुंचा जहाँ वे आश्रम के गुरू शरणानंद से मिलें। आश्रम में उनका स्वागत रुद्राक्ष की मालाओं से किया गया उन्होंने यहाँ साधु संतों से भेंट की और आश्रम में पूजा अर्चना की जिसके बाद मोदी ने आश्रम की गायों को चारा खिलाकर उनकी सेवा भी की।
बता दें कि मोदी गढ़वा घाट पहली बार पहुंचे हैं, जिसे यादवों द्वारा स्थापित पीठ माना जाता है और यादवों में इस मठ को लेकर काफी श्रद्धा भाव है। अगर राजनीतिक विश्लेषण करें तो इस कार्यक्रम को आस्था के बहाने पीएम मोदी की यादवों की श्रद्धा के सबसे बड़े गढ़ में सेंधमारी भी कह सकते है । दरसअल गड़वाघाट पीठ में जाकर पीएम मोदी ने यादवों को ये संदेश देने की कोशिश की है कि अखिलेश सरकार में महज एक सीमित क्षेत्र के यादवों का ही विकास हुआ जबकि बीजेपी का समर्थन करने वाले यादव समाज को उपेक्षित किया गया है ।
यादवों का दिल फिर जीतने की कोशिश
पीएम मोदी के इस कदम का मकसद बहुत साफ है। उन्होंने इस इलाके के यादव मतदाताओं और गढ़वा घाट के लाखों अनुयाइयों को अपनी तरफ करने की कोशिश की है। आमतौर पर यादव समुदाय को समाजवादी पार्टी का वोटर माना जाता है, लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यादव मतदाताओं का भी बहुत अच्छा समर्थन मिला था। ऐसे में मोदी की कोशिश यादवों का दिल फिर से जीतने की रही ।
कायस्थों को भी रिझाने की रहेगी कोशिश
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देकर मोदी ने कायस्थ समाज को भी लुभाने की कोशिश की है । यह इलाका वाराणसी कैंट विधानसभा क्षेत्र में आता है। जहां बीजेपी उम्मीदवार सौरभ श्रीवास्तव की टक्कर कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव से है। इस इलाके में कायस्थ वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है और शास्त्री जी के घर जाकर मोदी की कोशिश कायस्थ समुदाय को संदेश देने की थी । उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस के रोहनिया इलाके में जनसभा की जहाँ इलाकों में बीजेपी की हालत कुछ कमजोर मानी जा रही है। पीएम ने यहाँ जनसभा करके बीजेपी के लिए स्थिति पलटने की कोशिश की।
शाम को पीएम मोदी वाराणसी से दिल्ली लौट जाएंगे।