पटना / नई दिल्ली ( ओपिनियन पोस्ट ब्यूरो )। दीवाली अभी भले ही दो दिन दूर है, लेकिन बिहार में महागठबंधन के लिए दीवाली आज से शुरू हो गई है। नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। ‘बिहारी बनाम बाहरी’ के इस चुनाव में बिहार की जनता ने उस बिहारी को चुना है, जिसने बीते 10 साल में विकास की राह पकड़ राज्य की तस्वीर बदलने की कवायद शुरू की।
घोषित नतीजों में विधानसभा की सभी 243 सीटों में से महागठबंधन 178 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बीजेपी गठबंधन को 58 सीटों पर सिमट गया। 7 सीटों पर अन्य उम्मीदवारों को कामयाबी मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को फोन कर बधाई दी। इसके तुरंत बाद नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘अभी-अभी प्रधानमंत्री का फोन आया और उन्होंने मुझे बधाई दी… धन्यवाद मोदीजी।’
जीत के बाद नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह बिहार के स्वाभिमान की जीत है। हमें समाज के हर तबके का समर्थन मिला है, ये साफ है कि लोगों के मन में आशा है। नीतीश ने कहा, हमारे मन में किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है, हम सकारात्मक सोच के साथ काम करेंगे।
वहीं आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, बिहार के अगले सीएम नी‍तीश कुमार ही होंगे, हम बिहार के विकास के लिए मिलकर मेहनत से काम करेंगे। नीतीश कुमार खासतौर पर लालू से मिलने उनके घर पहुंचे, जहां लालू ने बड़ी गर्मजोशी से गले मिलकर उनका स्वागत किया।
बिहार विधानसभा चुनाव में हार को स्वीकार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को उनकी प्रभावशाली विजय के लिए बधाई दी और कहा कि उनका दल जनादेश का सम्मान करता है।
केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विपक्ष की एकता ने हमें हरा दिया है। बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी जनता के जनादेश के आगे नतमस्तक है। उन्होंने लालू और नीतीश को उनकी जीत के लिए बधाई दी।
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने भी कहा कि हम हार स्वीकार कर रहे हैं। बिहार के नतीजों के बाद बीजेपी के नाराज सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट किया, यह बिहार के लोगों और लोकतंत्र की जीत है। बिहार बनाम बाहरी का मुद्दा निपट गया। महागठबंधन खेमे में भारी उत्साह है और जेडीयू तथा आरजेडी दफ्तर के बाहर कार्यकर्ता जश्न मनाने में जुटे हैं।
शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए यह बड़ी जीत है, वह राजनीतिक हीरो के तौर पर उभरे हैं। जेडीयू नेता पवन वर्मा ने कहा, “यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह की हार है।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को बधाई देते हुए इसे सहिष्णुता की जीत और असहिष्णुता की हार बताया।
एक समय बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव तथा कांग्रेस के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही थी और रुझानों में एनडीए ने बढ़त भी बना ली थी, लेकिन इसके बाद स्थिति बदली और महागठबंधन एनडीए के पार निकल गया।
अधिकारियों ने बताया कि 62,780 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले गए मतों की गणना की प्रक्रिया के लिए पटना और अन्य जिलों में 14,580 अधिकारी ड्यूटी पर हैं। दिन में ही 272 महिलाओं सहित 3450 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। बिहार में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में 12 अक्टूबर से शुरू हो कर 5 नवंबर तक चला था।
एक्जिट पोल के नतीजों ने बढ़ा दिया सस्पेंस
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में मतदान के बाद आ रहे तमाम एक्जिट पोल के नतीजों के कारण परिस्थितियां और रोचक हो गईं। करीब एक महीने लंबे चले बिहार विधानसभा चुनाव को चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ‘सभी चुनाव की मां’ करार दिया था। इस पर देश की पैनी नजर रही। यह देश में राजनीतिक बदलाव की क्षमता रखता है।
सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर
बिहार विधानसभा के पांच चरणों में हुए चुनाव के तहत पांच नवंबर को अंतिम चरण के मतदान के बाद दिखाए गए सर्वेक्षणों (एक्जिट पोल) में से अधिकतर में जदयू-राजद-कांग्रेस के महागठबंधन और भाजपा नीत राजग के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना व्यक्त की गई। हालांकि चाणक्य के सर्वेक्षण में बीजेपी नीत एनडीए को भारी बहुमत मिलने की संभावना जताई गई थी। इस सर्वेक्षण के अनुसार एनडीए को 155 सीटें (11 सीटें कम या ज्यादा) मिलने की संभावना व्यक्त की गई, जबकि जेडीयू नीत गठबंधन को 83 सीटें (नौ सीटें कम या ज्यादा) मिलने का अनुमान जताया गया।
टाइम्स नाउ और सी-वोटर के सर्वेक्षण में 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन को 122 सीटें मिलने की संभावना जताई गई। वहीं न्यूज एक्स ने इसे 130 से 140 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया। दोनों टीवी चैनलों ने बीजेपी नीत गठबंधन को कमश: 111 तथा 90 से 100 सीटें मिलने की बात कही। इंडिया टुडे-सिसेरा एक्जिट पोल ने एनडीए को 113 से 127 सीटें मिलने की संभावना जताई। इस सर्वेक्षण में जेडीयू नीत गठबंधन को 111 से 123 सीटें मिलने की बात कही गई।
इंडिया टीवी ने जेडीयू गठबंधन को 112 से 132 सीटें मिलने की संभावना जताई, जबकि एनडीए को 101 से 121 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया। एबीपी-निलसन के चुनावी सर्वेक्षण में महागठबंधन को 130 सीटें, एनडीए को 108 तथा अन्य को पांच सीटें मिलने की संभावना जताई गई। न्यूज नेशन चैनल ने नीतीश कुमार नीत महागठबंधन को 120 से 124 सीटें यानी साधारण बहुमत मिलने की संभावना जताई। इस सर्वेक्षण में उनके प्रतिद्वंद्वी गठबंधन को 115 से 119 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया।
एनडीटीवी चैनल पर शुक्रवार को दिखाए गए एक एक्जिट पोल में बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत गठबंधन की जीत का अनुमान लगाते हुए 243 सदस्यीय विधानसभा में 120 से 130 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की गई। विरोधी महागठबंधन को 105 से 115 के बीच सीटें मिलने का बात कही गई।
मतदाताओं ने बना दिया नया रिकॉर्ड
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 की खासियत यह रही कि इसमें अब तक के सर्वाधिक 56.94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो कि वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव (52.65 प्रतिशत) तथा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव (55.38 प्रतिशत) की तुलना में अधिक है।
प्रतिद्वंदी बनकर आमने-सामने आए पुराने साथी
निवर्तमान विधानसभा के लिए 2010 में हुए चुनाव में जेडीयू और बीजेपी ने साथ-साथ चुनाव लड़ा था और जेडीयू को 115 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं। उस चुनाव में आरजेडी को 22 और कांग्रेस को चार सीटों पर कामयाबी मिली थी। जेडीयू-बीजेपी गठबंधन 2013 में टूट गया जब नीतीश कुमार ने घोषणा की कि 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नरेंद्र मोदी को बनाए जाने के बीजेपी के फैसले को लेकर उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो रही है।
संसदीय चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा
पिछले साल हुए संसदीय चुनाव में बीजेपी को 40 में से 22 सीटें मिली थीं जबकि उसके सहयोगी दलों को नौ सीटें मिली थीं। आरजेडी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और उसे क्रमश: चार एवं दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को भी दो सीटें मिली थीं जबकि एक सीट एनसीपी को मिली थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में बीजेपी अपने सहयोगी दलों लोजपा, रालोसपा एवं हम सेक्युलर के साथ है।
प्रदेश में सत्तासीन जेडीयू ने आरजेडी एवं कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा। भाकपा पांच अन्य वामदलों माकपा, भाकपा माले, फारवर्ड ब्लॉक, एसयूसीआई (सी) एवं आरएसपी के साथ चुनाव मैदान में है। मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी शरद पवार की पार्टी राकांपा सहित चार अन्य दलों, जिसमें मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी भी शामिल थी, के साथ तीसरा मोर्चा बनाकर इस बार चुनावी मैदान में उतरी थी पर बाद में तीसरा मोर्चा बिखर गया।