पटना।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने उनकी 10 संपत्तियां जब्त कर ली है। बिहार सरकार में मंत्री तेजस्वी यादव और लालू की बेटी व राज्यसभा सदस्‍य मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इसी मामले में लालू की पत्नी राबड़ी देवी के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है।

बता दें कि लालू के बच्चों से जुड़ी बेनामी संपत्ति जब्त करने के आदेश सोमवार को ही जारी किए गए थे। पिछले 23 मई को आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में लालू यादव और उनके करीबियों से जुड़े 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी हालांकि लालू ने छापेमारी की बात से इनकार किया था। अभी विभाग ने फौरी तौर पर बेनामी संपत्तियों को जब्त किया है जो लालू यादव के बच्चों से जुड़ी हैं।

लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष, बेटी रागिनी और बेटी चंदा की भी प्रॉपर्टी जब्त की गई है। लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सदस्‍य मीसा भारती को आयकर विभाग ने तलब भी किया था और उन्हें जुलाई के पहले सप्‍ताह में आयकर विभाग के दफ्तर में पेश होकर बेनामी लेन-देन पर स्पष्टीकरण देने को कहा था। इससे पहले आयकर विभाग ने 50 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी।

बेनामी एक्ट के मुताबिक विभाग को 90 दिन का समय स्पष्टीकरण देने के लिए देना होता है। अगर संबंधित पक्ष इसमें विफल रहता है तो जब्ती और कुर्की की कार्रवाई की जाती है। मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को आयकर विभाग ने दो बार समन भेजा लेकिन वे पेश नहीं हुए। उनके वकील ने इसके पीछे मीडिया और सुरक्षा कारणों को वजह बताया। इससे पहले 6 जून को पेश न होने पर आयकर विभाग ने मीसा भारती पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

तेजस्वी बोले-झूठी खबरों पर कब तक दूं प्रतिक्रिया

बिहार सरकार में मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि समझ में नहीं आ रहा कि मीडिया किस तथ्य के आधार पर खबर दिखा रहा है। अगर पेनल्टी लगी है तो कागजात दिखाइए अन्यथा माफी मांगें। झूठी बातों पर कब तक प्रतिक्रिया देते रहें। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने बेनामी लेनदेन कानून, 1988 के तहत अस्थायी आदेश के जरिये संपत्ति कुर्क की है। यह कानून पिछले साल 1 नवंबर से लागू हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि ये संपत्ति बेनामी कब्जे में थीं। विभाग द्वारा पिछले महीने की गई छापेमारी के बाद यह कार्रवाई की गई है। कुर्क संपत्ति के मूल्य का तत्काल पता नहीं चल पाया है। बेनामी संपत्ति में लाभार्थी वह व्यक्ति नहीं होता, जिसके नाम से संपत्ति खरीदी गई है।