ओपिनियन पोस्‍ट
गुरमीत राम रहीम के साध्‍वियों से दुष्‍कर्म कांड ने समूचे संत समाज को चिंता में डाल दिया हे। देशभर में बढ़ रहे फर्जी बाबाओं और नकली साधु संतों पर नकेल कसने के लिये अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कमर कस ली है। इसलिए तय किया गया है कि अब किसी भी साधु संत के लिये के लिये अखाड़ों का महामंडलेश्वर बनना आसान नही होगा।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्‍द्र गिरी का कहना है कि महामंडलेश्वर बनने से पहले साधु संतों को सामना करना होगा अखाड़ों के इंटरव्यू का। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अब किसी भी संत महात्मा को महामंडलेश्वर बनाने से पहले उनका इंटरव्यू लेगा। यही नही इंटरव्यू के बाद उस साधु का पुराना इतिहास भी जांचा जायेगा। अखाड़ा परिषद औऱ आचार्य महामडलेश्वर द्वारा लिये गये इंटरव्यू में पास होने और जांच की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही किसी साधु को अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जायेगा। जिसके लिये अखाड़ा परिषद ने सभी तेरह अखाड़ों से इस नियम का पालन करने की अपील की है।

सूत्रों के मुताबिक देश भर में बढ़ रहे फर्जी बाबाओं की बंढ़ती संख्या को रोकने के लिये अखाड़ा परिषद ने महामंडलेश्वर बनने वाले संतो की परीक्षा लेने की योजना बनायी है। किसी भी साधु का महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक से पहले उसकी योग्यता और ज्ञान की परीक्षा ली जायेगी। अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर साधु से वेद पुराण धर्म शास्त्र से जुड़े सवाल पूंछेगे। उसके जवाबों से संतुष्ट होने के बाद उसके गुरु परंपरा की विस्तार से जानकारी ली जायेगी। जिसके बाद उस साधु के पिछले रिकार्ड विधिवत चेक किय़े जायेंगे। साथ ही यह भी जांचा जायेगा कि वो जिस आश्रम औऱ गुरु से जुड़ा है वहां किस तरह की गतिविधियां होती रही है। जांच में संतुष्ट होने के बाद ही उस साधु को महामंडलेश्वर बनाने के लिये हरी झंडी दी जायेगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि अखाड़ों में भी चूक के कारण कुछ गलत लोग प्रवेश कर गये थे जिस गलती को सुधारने के लिये उन्हे बाहर किया जा चुका है। भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न हो। इसके लिये महामंडलेश्वर बनाने से पहले इंटरव्यू समेत तमाम तरह की जांच पड़ताल करने की व्यवस्था शुरु की जा रही है। इस पूरी व्यवस्था के पीछे सिर्फ एक मकसद है कि अब कोई भी शैतान साधु का वेष धरकर जनता को गुमराह न कर सके। क्योकि फर्जी साधुओं के पकड़े जाने पर भी संतो का ही नाम बदनाम होता है।जिससे न सिर्फ बल्कि विदेशों में सनातन धर्म का नाम बदनाम होता है।

अखाड़ा परिषद के इस फैसले से सनातन धर्म को मानने वाले श्रद्धालुओं ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस फैसले के बाद धर्म को बदनाम करने वाले साधु संतों का अखाड़ो में प्रवेश नही होगा। पाखंडी औऱ ढ़ोंगी बाबाओं के कारण हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार करने वाले संतों का नाम बदनाम होता है। ऐसे में अखाड़ा परिषद के इस फैसले से पाखंडी बाबाओं पर नकेल लगेगी। जो बाबा को चोला पहनकर साधु संतो का नाम बदनाम करते हैं उन सबके खिलाफ सरकार को कार्यवाई करनी चाहिये।

बाबा राम रहीम जैसे ढोंगी लोगो के कृत्य के कारण सनातन धर्म का प्रचार करने वाले साधु संतो का नाम बदनाम हो रहा है। ऐसे में अखाड़ा परिषद का ये फैसला सराहनीय है। जिसके चलते पाखंड़ी बाबाओं पर नकेल कसी जा सकती है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्‍द्र गिरी का कहना है कि वो देश भर के फर्जी और पाखंड़ी बाबाओं के खिलाफ मुहिम चलाकर उन्हे सलाखों के पीछे भेजवायेंगे। जिसके लिये वो फर्जी बाबाओं की लिस्ट बना रहे हैं जिसे सरकार को उनकी जांच कर कार्रवाई करने के लिये सौंपेंगे।