लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व उन्नाव के भगवंतनगर से पार्टी विधायक हृदय नारायण दीक्षित को उत्तर प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि दीक्षित को 17वीं विधानसभा में सदन का नया अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिया गया है। उनके खिलाफ किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया था। दीक्षित माता प्रसाद पाण्डेय का स्थान लेंगे।
विधानभवन में बृहस्पतिवार को अध्यक्ष चुने जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें शुभकामनाएं दी और सदन में उपस्थित विधायकों से भी मुलाकात की। सत्तापक्ष और विपक्ष की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि चुनावी मंचों पर हम भले ही एक-दूसरे पर शब्दबाणों का इस्तेमाल करते हों लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं, दोनों मिलकर कार्य कर सकें, इसके लिए जनता ने हमें चुना है। लोकतंत्र में कहीं भी यह न लगे कि कहीं कोई भेदभाव हो रहा है।
कवि हृदय दीक्षित को मुख्यमंत्री योगी के शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। तभी से यह माना जा रहा था कि वह विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे। पार्टी के निर्देश पर हृदयनारायण दीक्षित ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन कर दिया। इस पद के लिए दूसरे किसी नेता ने नामांकन नहीं किया था। इसके बाद से ही तय हो गया था कि दीक्षित ही विधानसभा अध्यक्ष होंगे।
सदन में कार्य का लंबा अनुभव
हृदयनारायण दीक्षित संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं। सदन में कार्य करने का उनका लंबा अनुभव है। वह चार बार विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं। इसके साथ ही विधान परिषद में वह बीजेपी नेता के रूप में जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। उनकी संगठन में भी खासी पकड़ मानी जाती है। उन्नाव में पार्टी के जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। दीक्षित साहित्यकार भी हैं। उनके कई लेख व किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। आपातकाल में वह करीब 19 माह तक जेल में रहे।
पहली बार बने थे निर्दलीय विधायक
वर्ष 1985 में हृदय नारायण दीक्षित पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर विधायक बने थे। उन्नाव में पुरवा तहसील के लउवा गांव के निवासी हृदय नारायण दीक्षित वर्ष 1989 में जनतादल, 1991 में जनता पार्टी और 1993 में सपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 2010 से जून 2016 तक भाजपा विधान परिषद सदस्य और दलनेता भी रहे। भाजपा के संगठन में विभिन्न पदों पर रहे दीक्षित वर्तमान में पार्टी में प्रमुख प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी संभाले हुए थे।
बता दें कि हृदय नारायण दीक्षित ने अपना राजनीतिक जीवन भारतीय जनता पार्टी के साथ शुरू किया था, लेकिन 2017 में वह पहली बार भारतीय जनता पार्टी से विधयाक निर्वाचित हुए। 1993 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर उन्नाव जिले की पुरवा सीट से विधायक बने थे। तब सपा ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। जून 1995 में यह गठबंधन टूट गया और दीक्षित पाला बदल कर बहुजन समाज पार्टी में चले गए और मायावती सरकार में संसदीय कार्य एवं पंचायतीराज मंत्री बने।