नई दिल्ली।  

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी। इससे जुड़े 4 अहम विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गए। इसके तहत कुछ वस्‍तुएं सस्‍ती होंगी तो कुछ के दाम बढ़ सकते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को क्रांतिकारी कदम बताया तो पीएम मोदी ने नया नारा दिया- ‘नया साल, नया कानून, नया भारत’। रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला एक साल के भीतर कर लिया जाएगा। पेट्रोलियम उत्पादों पर यह कर कब से लागू हो,  इसका फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी।

अब जीएसटी काउंसिल की बैठक 31 मार्च को होगी। इसमें नियमों को मंजूरी दी जाएगी। अलग-अलग प्रोडक्ट और सर्विसेस पर कितना जीएसटी लगे, यह अगले माह तय किया जाएगा। पान मसाला पर 135 फीसदी,  सिगरेट पर 290 फीसदी,  लग्जरी कार और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 15 फीसदी तक सेस लगाने का प्रावधान है। 5 करोड़ से ऊपर की टैक्स चोरी गैर जमानती होगी,  इसमें 5 साल तक जेल का प्रावधान है। टैक्स पेमेंट में देरी पर अधिकतम 18 फीसदी तक ब्याज देना पड़ सकता है।

जीएसटी में जो बड़ा बदलाव किया गया है, उसके तहत केंद्र के आठ व राज्यों के नौ टैक्स खत्म हो जाएंगे। जीएसटी लागू होने पर सामान्य श्रेणी के राज्यों में 20 लाख और विशेष श्रेणी के राज्यों में 10 लाख से अधिक के सालाना कारोबार वाले व्यापारियों को ही पंजीकरण कराना होगा। यह सरल टैक्स प्रक्रिया को लागू करने पर जोर देता है और इस टैक्स के ऊपर कोई टैक्स नहीं लगेगा। दरअसल जीएसटी उत्पादन की बजाय उपभोग पर टैक्स है। सरकार के मुताबिक, यह राज्यों के बीच वस्तुओं की आवाजाही में मदद करता है और राजस्व में बढ़ोतरी के साथ साथ टैक्स चोरी पर लगाम लगाता है।

जीएसटी 1 जुलाई से लागू होने के लिए तैयार है। इसके लागू होने पर छोटी कारें, एसयूवी, बाइक, पेंट और सीमेंट, मूवी टिकट, बिजली के सामान (पंखे, बल्ब, वाटर हीटर, एयर कूलर), रोज़मर्रा की ज़रूरत के सामान और रेडीमेड कपड़े आदि सस्‍ते हो जाएंगे तो सिगरेट, ट्रक जैसे व्यावसायिक वाहन, मोबाइल फोन कॉल, कपड़े, ब्रांडेड ज्वैलरी, रेल, बस, हवाई टिकट आदि महंगे होंगे। शराब को छोड़ बाकी सभी वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आएंगी।

सरकार ने आश्वस्त किया है कि नई कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के साथ ही कृषि पर कर नहीं लगाया गया है। लोकसभा ने केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सम्मिलित चर्चा के बाद कुछ सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर करते हुए ध्वनिमत से पारित कर दिया। धन विधेयक होने के कारण इन चारों विधेयकों पर अब राज्यसभा को केवल चर्चा करने का अधिकार होगा।

सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी केंद्र सरकार वसूलेगी। एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी की वसूली राज्य सरकारें करेंगी। आईजीएसटी यानी एकीकृत जीएसटी ऐसे कारोबार पर लगेगा,  जो दो राज्यों के बीच होगा। वसूली केंद्र करेगा। यूनियन टेरेटरी जीएसटी देश के संघ शासित राज्यों के प्रशासन क्षेत्रों में लगेगा। वसूली केंद्र ही करेगा। अभी अधिकतम कर दर 35 फीसद है। विश्व के 150 देशों में जीएसटी लागू है। इसकी दरें 5 से 25 फीसद तक हैं। पाकिस्तान में 18 फीसद जीएसटी है।