गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने में अब महज कुछ घंटे बाकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि पहली जुलाई से लागू होने वाले टैक्स सिस्टम के इस क्रांतिकारी बदलाव से आम लोगों पर टैक्स का बोझ कुछ कम होगा। जीएसटी लागू होने से न सिर्फ एक देश एक टैक्स व्यवस्था शुरू हो जाएगी बल्कि यह पूरे देश को एक मार्केट में तब्दील कर देगा जिसका आकार यूरोपियन यूनियन से भी बड़ा होगा।

जीएसटी के समर्थकों का कहना है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि होगी। एक ओर जहां इसे लेकर बड़े-बड़े लुभावने वादे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ वक्त के लिए सामान्य कामकाज बाधित होने से छोटे-बड़े कारोबारी से लेकर नीति निर्माता तक असमंजस में हैं। देश के इस सबसे बड़े टैक्स सुधार को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा। आजादी के बाद यह चौथा मौका होगा जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा। यह कार्यक्रम रात 11 बजे शुरू होगा। माना जा रहा है कि कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेने जा रहे जीएसटी से 20 खरब अमेरिकी डॉलर की हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी।

Masterमाना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद शुरू में सरकार की चुनौती और बढ़ने वाली है। हालांकि, सरकार शुरुआती समस्याओं को टालने की कोशिश में जुटी है लेकिन बड़ा देश और दायित्व होने की वजह से शुरुआती कठिनाइयों से बचना मुश्किल लग रहा है। जीएसटी के लिए नियम तैयार करने की प्रक्रिया आखिरी पलों तक चलती रही और सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक-वे बिल या बॉर्डर पास लागू करने से लेकर फाइलिंग रिक्वायरमेंट्स और सरकारी विभागों एवं ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से वेंडरों से टैक्स की रकम काटने तक के नियमों में ढील दी है।

जीएसटी नेटवर्क ने वह स्प्रेडशीट रिलीज नहीं की है, जिससे कंपनियां इनवॉइसेज के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट्स मैनेज करेंगी। दरअसल, कुछ नियम जीएसटी की लॉन्चिंग से ठीक पहले स्पष्ट होने हैं। 15 दिन पहले तक ढांचा तैयार करने के लिए माथापच्ची होती रही और नई व्यवस्था में कारोबारियों की रजिस्ट्री के नियम भी आसान कर दिए गए। अब सप्लायर्स जुलाई के आखिर तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

सरकार को लगता है कि ज्यादातर कारोबारी रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं क्योंकि 80 लाख में से 60 लाख व्यापारियों, फर्मों और कंपनियों की जीएसटीएन पोर्टल पर रजिस्ट्री हो चुकी है। हालांकि, कारोबारी कुछ गड़बड़ियों और उलझनों की शिकायतें कर रहे हैं। कुछ बड़ी कंपनियां नई व्यवस्था में प्रवेश के लिए सॉफ्टवेयर एवं इनवॉइसिंग सिस्टम अपडेट करवाने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से अपना काम-काज रोक चुकी हैं।

घंटा बजते ही लागू होगा जीएसटी

जीएसटी शुक्रवार रात 12 बजे लॉन्च होगा। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में घंटा बजाकर इसकी शुरुआत की जाएगी। इस कार्यक्रम में राजनीति के कई दिग्गज एक साथ जुटेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत देश की नामचीन हस्तियां इस पल की गवाह बनेंगी।

वहीं कांग्रेस सहित विपक्ष की ज्यादातर पार्टियां इस समारोह से दूर रहेंगी जबकि जीएसटी पर पीएम मोदी का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उनकी तरफ से बिहार सरकार में मंत्री विजेंद्र यादव शामिल होंगे। कांग्रेस ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी को समझना होगा कि जीएसटी को लॉन्च करने और उसे लागू करने में काफी अंतर है।

राजनीतिक हस्तियों के अलावा इस कार्यक्रम में कई अन्य हस्तियां भी शामिल होंगी। जीएसटी के ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन, स्वर कोकिला लता मंगेशकर, रतन टाटा, हरीश साल्वे, सोली सोराबजी समेत कई अन्य लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे।