नई दिल्ली।

किसी न किसी लाइन में लगना लोगों की मजबूरी हो गई है, चाहे वह नोटबंदी का मामला हो या जियो का सिम लेने का मामला, लाइन में लगने के मामलों की फेहरिस्‍त लंबी होती जा रही है। ताजा मामले में पैन से आधार लिंक करने में लोग परेशान रहे, क्‍योंकि ट्रैफिक के दबाव में आयकर विभाग की वेबसाइट का सर्वर डाउन रहा।

अंतिम तिथि 30 जून 2017 शुक्रवार को सुबह से ही आयकर विभाग की वेबसाइट नहीं चली, जहां से इसे लिंक करना है। लोगों को परेशानी हो रही है। कई लोगों ने शिकायत की है कि जब वे लिंक करने के लिए वेबसाइट पर जा रहे हैं तो टेक्निकल एरर,  टाइम आउट कंप्‍यूटर स्‍क्रीन पर आ रहा है।

बता दें कि 30 जून तक आपने अपना आधार पैन से लिंक नहीं किया तो आप इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर पाएंगे। रिजेक्ट होने का भी डर है। यही वजह है कि लोगों में अफरातफरी मची है। इस अफरातफरी के बावजूद किसी मंत्री या नेता का कोई ऐसा बयान नहीं आया, जिससे लोगों की अफरातफरी को कम किया जा सके।

पैन से आधार को लिंक कराने के लिए एसएमएस का भी विकल्‍प है, जिसके अनुसार आप कैपिटल लेटर में यूपीआईडीपीएएन स्‍पेस अपना आधार नंबर स्‍पेस अपना पैन नंबर अपने मोबाइल फोन से एसएमएस राइट बॉक्‍स में टाइप कर 567678 और 56161 पर भेज सकते हैं। लेकिन यहां भी एक दिक्‍कत यह आई कि जिनके पैन और आधार कार्ड का डाटा मैच नहीं कर रहा था, उन्‍हें मेसेज आया कि उनकी रिक्‍वेस्‍ट इस आधार पर नहीं ली जा सकती और वे पैन सेंटर से संपर्क करें।

पैन सेंटर से संपर्क करने पर बताया गया कि डाटा मैच कराने के लिए आधार कार्ड या पैन कार्ड में संशोधन कराना होगा। अब इस संशोधन में कम से कम एक सप्‍ताह का समय तो लगेगा ही। फिर अंतिम तिथि का क्‍या होगा, इस बारे में कोई सूचना नहीं दी जा रही है।  मीडिया रिपोर्टों के अनुसार- सरकार आगे चलकर एक तारीख़ का एलान कर सकती है जिसके बाद ऐसे पैन खाते जो आधार के साथ लिंक नहीं हैं,  उन्हें निष्क्रिय या रद्द समझा जाएगा और उस तारीख़ का एलान अब तक नहीं हुआ है।

अनिश्चय ऐसे लोगों के लिए भी है, जिनके पास आधार कार्ड ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में पिछले दिनों जो आदेश जारी किया है उससे ऐसे लोगों को केवल “आंशिक राहत” मिली है जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। अदालत ने आदेश दिया है कि इन्कम टैक्स विभाग ऐसे लोगों के पैन कार्ड “रद्द नहीं करेगा।” इसलिए यदि आपने पैन कार्ड और आधार को लिंक नहीं करवाया है तो फिलहाल राहत की खबर यह है कि आपका पैन कार्ड फिलहाल रद्द नहीं होगा, लेकिन एक जुलाई से ऐसा न होने की दशा में आप इनकम टैक्‍स रिटर्न नहीं भर पाएंगे।

दरअसल, पैन रद्द करने का अधिकार सीबीडीटी को दिए गए हैं। सीबीडीटी के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल सीबीडीटी चाहता है कि इनको लिंक करने की एक समयसीमा तय हो। उस तारीख के गुजरने के बाद भी यदि लिंक न हो तो पैन को अवैध घोषित कर दिया जाए। एक बार यदि पैन अवैध घोषित कर दिया गया तो वित्‍तीय कामकाज में दिक्‍कतें आएंगी। देश में पैन कार्डधारकों की संख्या 25 करोड़ है और 111 करोड़ लोगों को आधार संख्या दी जा चुकी है।