जयपुरबड़े लोग, उनका बेटा, उनकी बीएमडब्‍ल्‍यू कार और कार की बेकाबू रफ्तार ने अब तक न जानें कितने बेकसूरों की जिंदगी लील ली। इसके बावजूद न तो हादसों से सबक लिया जाता है और न ही रफ्तार पर ब्रेक लगता। जब हादसा हो जाता है तो रसूखदार दोषी को बचाने के रास्ते ढूंढे जाने लगते हैं। ताजा मामला जयपुर का है। यहां सीकर के निर्दलीय विधायक नंद किशोर महरिया की बीएमडब्ल्यू  कार नियंत्रण से बाहर हुई तो छह लोग उसकी चपेट में आ गए। इनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। आरोप है कि विधायक का बेटा सिद्धार्थ महरिया हादसे के वक्त गाड़ी चला रहा था। उसे हिरासत में ले लिया गया है। यह घटना एक जुलाई रात दो बजे की है।

दुर्घटना में घायल एक पुलिसवाले ने कहा, कार 100  किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ड्राइव की जा रही थी। लग रहा था  कि 20 साल के सिद्धार्थ ने शराब पी रखी थी। इसकी पुष्टि के लिए सिद्धार्थ के खून का नमूना फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। उधर,सिद्धार्थ ने आरोपों का खंडन किया और कहा है कि कार ड्राइवर चला रहा था।

सिद्धार्थ ने कहा, हम लोग आइसक्रीम खाने गए थे। बारिश तेज़ हो रही थी और हम लौटने लगे। तभी रास्ते में एक  ऑटो रिक्शा सामने आ गया जिसमें लाइट नहीं थी। ड्राइवर ने उसको बचाने के लिए कार को मोड़ा, लेकिन गाड़ी का राइट साइड ऑटो में लग गया और वह पलट गया। उसके बाद कार पीसीआर वैन से जा टकराई। लेकिन क्षत-विक्षत हालत में कार के चेसिस और खोले गए चारों एयरबैग महरिया के दावे पर सवाल उठा रहे हैं। महरिया का कहना है कि ऐसा  इसलिए हुआ क्योंकि ड्राइवर ब्रेक और एक्सिलेटर को लेकर घबरा गया। मौके पर पीसीआर वैन में मौजूद पुलिसवालों का कहना है कि हादसे के वक्त नेता का बेटा ही गाड़ी चला रहा था।

पीड़ित के एक रिश्तेदार ने कहा, हम बहुत गरीब लोग हैं। मेरे जीजाजी अपने माता-पिता की इकलौती औलाद थे। वह अपनी दुकान का काम निपटाकर घर लौट रहे थे। सिद्धार्थ का कहना है, मैं और मेरा परिवार पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं। हमारा ब्लड टेस्ट भी हुआ है, किसी ने भी शराब नहीं पी थी और डॉक्टरों ने रिपोर्ट भी तैयार की है।  फिलहाल सिद्धार्थ पुलिस की हिरासत में है। बता दें कि मई  में बिहार के गया जिले में विधायक मनोरमा देवी के बेटे  का मामला उस समय चर्चित हुआ, जब उस पर रोड रेज का मामला दर्ज किया गया था।