ओपिनियन पोस्ट
पिछले चौबीस घंटे से सोशल मीडिया की दुनिया में एक ऐसा वीडियो और मैसेज तेजी के साथ वायरल हो रहा है जिसने पूरे देश में दहशत फैला दी है। दरअसल इस वायरल मैसेज में नौ नंबर का एक मैसेज दिया गया ये कोई साधारण नंबर नहीं है। दावा है कि ये नंबर डेथ कॉल है यानि इस नंबर से आपके मोबाइल पर कॉल आएगा और जैसे ही आप उस कॉल को रिसीव करेंगे आपका फ़ोन ब्लास्ट हो जायेगा ।

क्या है मैसेज में

पवन दुग्गल साइबर एक्सपर्ट
पवन दुग्गल, साइबर एक्सपर्ट

777888999..ये वो स्‍पेशल नंबर है जिसके साथ एक मैसेज भी है जिसमें लिखा है, ‘777888999, इस नंबर में वायरस है। इस नंबर से आए कॉल को रिसीव करने से देशभर में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कृपया इस जानकारी को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर करें।’ साथ में ये भी दावा किया जा रहा है की इस नंबर से आये कॉल को जैसे ही आप रिसीव करेंगे, आपका फ़ोन ब्लास्ट हो जायेगा और आप मर जायेंगे।
इस मैसेज को पढ़ने वाले लोग दहशत में हैं। इस मैसेज को हर भाषा में शेयर किया जा रहा है कन्नड़, गुजराती और बंगाली। आमतौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता। आमतौर पर मोबाइल नंबर 10 अंकों का होता है, लेकिन मौत की घंटी बजाने वाला ये नंबर 9 अंको का है इसलिए लोग और भी डर रहे हैं। लोगों के बीच इस डर को मिटाने के लिए और सच जानने के लिए हमने वायरल मैसेज की पड़ताल की है।

एक्सपर्ट ने बताया सच
सच जानने के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल से बात की । हमने सबसे पहला सवाल उनसे पूछा कि क्या नौ अंकों वाला मोबाइल नंबर होता है। इस सवाल के जवाब में एक्सपर्ट ने बताया कि भारत में अभी तक 9 अंकों वाला मोबाइल नंबर नहीं आया है। विदेश में ऐसा है लेकिन अगर विदेश के भी किसी नंबर से आपको कॉल आता है तो आपके मोबाइल स्क्रीन पर नंबर के साथ उस देश का 2 अंकों वाला कोड भी जरूर दिखाई देगा।
मिसाल के तौर पर अगर आपके पास पाकिस्तान से फोन आएगा तो नंबर के आगे +92 लिखा हुआ होगा। अब सवाल ये उठता है कि जब भारत में 9 अंकों वाला मोबाइल नंबर नहीं है तो 777888999 वाले नंबर का सच क्या है।
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि ‘ये मैसेज बेबुनियाद है, लोगों को गुमराह करने की कोशिश है। तकनीक विकसित हो रही है लेकिन अभी ऐसी कोई तकनीक मेनस्ट्रीम में नहीं आयी है जिससे एक नम्बर से दूसरे नम्बर पर फ़ोन कर ब्लास्ट किया जा सके। इस तरह के विध्वंसकारी तकनीक पर शोध चल रहा है, लेकिन अभी इस तरह की कोई चीज़ कमर्शियल मेनस्ट्रीम में नहीं आई है।’
मतलब ये साफ है कि अब तक ऐसी कोई तकनीक नहीं आयी है जिससे आपके नंबर पर कॉल कर के आपके मोबाइल फ़ोन को ब्लास्ट किया जा सके। लेकिन आपके लिए ये मैसेज एक सीख भी है कि ‘सोशल मीडिया में जो भी देखें उस पर भरोसा ना करें। इस तरह के मैसेज पढ़ते ही उसे तुरंत डिलीट कर देना चाहिए और उसे आँखे मूँद कर शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे मैसेज शेयर करना भी भारी पड सकता है।’
पड़ताल में सामने आया है कि ये लोगों को डराने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाई गई मनगंढ़ंत कहानी है। हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा डेथ कॉल वाला नौ डिजिट का मोबाइल नंबर झूठा साबित हुआ है।