ओपिनियन पोस्‍ट
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का आज (गुरुवार) सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। दवे की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है। अनिल माधव दवे 61 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र माेदी ने ट्वीट किया, ‘मेरे दोस्त और एक बहुत ही सम्मानित सहयोगी पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के अचानक निधन से बिल्कुल चौंक गया हूं।’
modi-twet-for-anill-dave

 

 

 

 

 

 

एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने बताया कि वह कल शाम देर तक अनिल माधव दवे जी के साथ थें और प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।
दवे का जन्म 6 जुलाई, 1956 को उज्जैन में हुआ था। उन्होंने गुजराती कॉलेज इंदौर से एम.कॉम किया था। वे संघ प्रचारक रहे और शादी नहीं की थी। 2009 से राज्यसभा मेंबर थे। दवे मध्य प्रदेश से राज्यसभा के मेंबर थे। यहां बीजेपी और आरएसएस से लंबे वक्त से जुड़े रहे। पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने बहुत काम किया।
अनिल माधव दवे ने अपना जीवन पर्यावरण के लिए समर्पित कर दिया था। नर्मदा बचाओ अभियान से भी वह जुड़े हुए थे। शायद यही वजह थी कि उन्‍हें पिछले साल 5 जुलाई 2016 को केन्‍द्रीय पर्यावरण मंत्री का पद दिया गया था।
दवे की मौत पर शिवराज सिंह चौहान ने शौक व्‍यक्‍त करते हुए कहा , ”बड़े भाई, घनिष्ठ मित्र अनिल माधव दवे के असामयिक निधन से हैरान हूं। यह निजी क्षति है। दवेजी के रूप में देश ने एक सच्चा देशभक्त और मां नर्मदा का सपूत खो दिया है। इसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी।”
छत्‍तीस गढ़ के सीएम रमन सिंह  ने कहा, ”अनिल दवेजी के अचानक निधन से दुखी और हैरान हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं, ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ”मैंने दवेजी के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए काम किया। वो बहुत अच्छे लेखक, चिंतक और पर्यावरण के जानकार थे। नर्मदा संरक्षण के लिए उन्होंने कई अहम काम किए। शरीर साथ नहीं देता था तो हेलिकॉप्टर से नर्मदा की परिक्रमा की। उनके निधन से देश ने एक बड़ा नेता खो दिया।”
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “दवेजी के निधन से मध्यप्रदेश ने एक श्रेष्ठ पर्यावरणविद और सुलझा हुआ राजनेता खो दिया| मेरी विनम्र श्रद्धांंजलि।