नई दिल्ली।
चीन अपनी बेजा हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसके सैनिकों ने भारत के एक ऐसे क्षेत्र में घुसपैठ की है जहां फिलहाल कोई सीमा विवाद नहीं है। उलटे चीन युद्ध की धमकी भी देता रहता है। फिर भी भारतीय सैनिकों ने जिस बहादुरी से चीनी सैनिकों को लौटने के लिए विवश कर दिया, उससे चीन को यह समझ लेना चाहिए कि भारत अब चीन की कोई भी हरकत बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है।
सिकिक्म सीमा पर भारत और चीन में जारी तनातनी के बीच उत्तराखंड के बाराहोती में करीब 200-300 जवान भारतीय सीमा में 300 मीटर तक अंदर घुस आए। भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की चीन यात्रा से एक दिन पहले 25 जुलाई को सुबह करीब 9 बजे चीनी सैनिक 800 मीटर से एक किलोमीटर अंदर तक भारतीय सीमा में घुस आए थे। हालांकि आईटीबीपी के जवानों के विरोध के बाद पड़ोसी देश के सैनिकों को लौटना पड़ा था।
बाराहोती सीमा पर भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच कोई विवाद नहीं है। भारत ने इसके बाद साफ किया है कि इस तरह की घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। लद्दाख और सिक्किम सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ होती रही है। बाराहोती में भी चीनी सैनिकों की घुसपैठ नई है।
चीनी सैनिक घुसपैठ वाले इलाके को अपना क्षेत्र बता रहे थे हालांकि भारतीय जवानों ने साफ किया कि यह भारतीय इलाका है। सिक्किम के डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले करीब डेढ़ महीने से तनाव का माहौल है। डोकलाम इलाके में चीनी सैनिकों द्वारा सड़क बनाने का भारत विरोध कर रहा है। भारत इसे अपनी सुरक्षा के लिहाज से खतरा बताता रहा है।
डोकलाम में घुसपैठ के बाद चीनी मीडिया और सेना ने कई बार भारत को युद्ध की धमकी तक दे दी है। हालांकि भारत ने डोकलाम पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस मुद्दे का समाधान बातचीत के जरिये ही हो सकता है।
एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल चीन की राजधानी बीजिंग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दोनों देशों के बीच बेहतर हालात करने के लिए मुलाकात कर रहे थे। तो वहीं इस घटना से दो दिन पहले चीनी सेना उत्तराखंड के बरहोती में घुस आई थी।
दूसरी बार ऐसा हुआ है जब चीनी सेना भारतीय सीमा के अंदर घुसी है। इससे पहले 16 जून को चीनी सेना डाकोला होते हुए भारत के सिक्किम वाले हिस्से के पास पहुंच गई थी। हालांकि बाद में सभी सैनिकों को वापस भेज दिया गया था।
भूटान और चीन की तिहरी सीमा से लगे डाकोला में भारत और चीन की सेनाएं महीने भर से अधिक समय से तनातनी की स्थिति में हैं। भारत मामले का समाधान कूटनीतिक स्तर पर चाहता है, लेकिन चीन ने बातचीत के लिए भारत पर सेना वापस बुलाने की शर्त रख दी है।