कानून का सख्ती से पालन करने वाले सऊदी अरब ने अपने ही राजकुमार को मौत की सजा दी है। उसने अपने ही दोस्त की गोली मार कर हत्या कर दी थी। 40 साल बाद यह पहला मामला है जब शाही खानदान के किसी व्यक्ति को मौत की सजा दी गई है। पीड़ित के परिजनों के ब्लड मनी लेने से इनकार के बाद उसे यह सजा दी गई। सऊदी कानून के मुताबिक ब्लड मनी के तहत पीड़ित के परिजनों को आर्थिक मुआवजे की पेशकश की जाती है। अगर परिजन इसे स्वीकार कर लेते हैं तो दोषी व्यक्ति को सजा से माफी मिल जाती है।

सऊदी अरब के गृह मंत्रालय के मुताबिक 2014 में राजधानी रियाद में एक व्यक्ति की हत्या करने के मामले में प्रिंस तुर्की बिन सऊद अल कबीर को राजधानी रियाद में मौत की सज़ा दी गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उसे मौत की सजा किस तरह दी गई। सऊदी अरब में ज्यादातर लोगों को सिर कलम करके मौत की सज़ा दी जाती है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक प्रिंस तुर्की बिन सऊद अल कबीर इस साल मौत की सजा पाने वाले 134वें व्यक्ति हैं। ऐसा कम ही होता है कि शाही परिवार के किसी सदस्य को मौत की सज़ा दी जाए। गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक राजकुमार ने अपने साथी की हत्या करने का दोष स्वीकार किया था। मृत्युदंड की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि इससे हर नागरिक को भरोसा मिलेगा कि सरकार न्याय और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इससे पहले सऊदी अरब में 1975 में शाह फैसल की हत्या करने वाले शाही परिवार के सदस्य फैसल बिन मुसैद अल सऊद को मौत की सजा दी गई थी। सऊदी अरब में सख्त इस्लामी कानून लागू है। वहां हत्या, नशीले पदार्थों की तस्करी, डकैती और दुष्कर्म के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

क्या था मामला
2014 में रियाद के डेजर्ट कैंप में प्रिंस कबीर की अदेल अल मोहम्मद से लड़ाई हो गई थी जिसमें उसने गोली चला दी। इस गोलीबारी में अदेल की मौत हो गई और दूसरा शख्स घायल हो गया। अरब न्यूज के अनुसार, जब प्रिंस को यह अहसास हुआ कि उसने अपने दोस्त की हत्या कर दी है तो खुद ही पुलिस को इस बारे में सूचना दी। मौत की सजा पर मृतक के परिवार ने कहा प्रिंस को मिली मौत की सजा पर हत्याकांड के शिकार हुए शख्स के चाचा ने कहा है कि इस फैसले से पता चलता है कि सऊदी अरब में निष्पक्ष न्याय होता है। सऊदी अरब के शाही खानदान में हजारों सदस्य हैं। एमेनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, सऊदी अरब में 2015 में 158 लोगों को मौत की सजा दी गई। इस मामले में ईरान और पाकिस्तान पहले और दूसरे नंबर पर है। इसके बाद तीसरे नंबर पर सऊदी अरब है।