पटना। पर्वों के देश भारत में वर्ष भर कहीं न कहीं श्रद्धालुओं का जमघट लगता रहता है, लेकिन कभी भी पिछले हादसों से सबक नहीं लिया जाता। प्रशासनिक लापरवाही बदस्‍तूर बरती जाती है। इसी लापरवाही और प्रशासनिक चूक की परिणति है पटना नाव हादसा।

बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति के अवसर पर शनिवार को आयोजित पतंगोत्सव में भाग लेकर जिस नाव से लोग लौट रहे थे, वह गंगा नदी में डूब गई। रविवार सुबह तीन और शवों के निकाले जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है और कई लोग लापता भी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है।

गंगा दियारा में हादसे की शिकार हुई नाव में 50 से ज्यादा लोग सवार थे। एनडीआरएफ की तीन टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन आइए नजर डालते हैं उन प्रमुख तथ्यों पर जो इस हादसे की बड़ी वजह बने।

महज कुछ दिनों पहले ही प्रकाश पर्व का शानदार आयोजन कर हर तरफ से वाहवाही लूटने वाली बिहार सरकार और प्रशासन से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। प्रकाश पर्व आयोजन से संबंधित तैयारियों की निगरानी खुद मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और डीजीपी स्तर के अधिकारी तक कर रहे थे। जबकि पतंग उत्सव की तैयारियों को लेकर इस तरह का कोई दावा नहीं किया गया था।

आयोजन स्थल के पास में ही बने डॉल्फिन आइलैंड अम्यूज़मेंट पार्क को भी हादसे की बड़ी वजह माना जा रहा है। जिस जगह पर सरकार ने पंतगबाजी का आयोजन किया था उससे थोड़ी ही दूरी पर ये अम्यूज़मेंट पार्क भी है, जहां लोग अधिक संख्या में मौजूद थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक जो नाव डूबी,  उस पर सवार लोगों में बड़ी संख्या इस अम्यूज़मेंट पार्क में घूमने आए लोगों की भी थी। इस अम्यूज़मेंट पार्क का निर्माण अवैध है। इसे बिना किसी सरकारी या प्रशासनिक मंज़ूरी के ही बनाया गया है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक नाव में क्षमता से अधिक लोग मौजूद थे। इस नाव पर 50 से भी अधिक लोग सवार थे, जो कि हादसे की मुख्य वजह बनी। पतंगोत्सव में करीब 75 हजार लोगों ने भाग लिया और शाम होने पर सब लौटने की जल्दी में थे।

राज्य सरकार परिजनों को देगी चार-चार लाख रुपये

इस घटना से बिहार में शोक व्याप्त है, लोग इस दुखद घड़ी में मृतकों के लिए संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। इधर, राज्य सरकार के आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत सुबह-सुबह घटनास्थल पहुंचे और राहत-बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की।