चेन्‍नई।

तमिलनाडु में नई सरकार के गठन का रास्‍ता आखिरकार साफ हो गया। पलानीसामी ने दो महीने के भीतर तीसरे सीएम के रूप में शपथ ली। राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने बृहस्‍पतिवार को इदापड्डी के पलानीस्वामी को राज्‍य में सरकार बनाने का न्‍योता दिया था और उन्‍हें ‘जल्द से जल्द’ सरकार बनाने के लिए कहा था।

सरकार गठन को लेकर 10 दिनों से चल रहे गतिरोध को खत्म करते हुए राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने अन्नाद्रमुक के विधायक दल के नेता पलानीस्‍वामी से कहा था कि वह जल्द से जल्द अपने मंत्रिमंडल का गठन करें और 15 दिन के भीतर विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें।

इससे पहले राज्यपाल ने पलानीस्‍वामी से मुलाकात की थी। पलानीस्‍वामी बृहस्‍पतिवार को राजभवन पहुंचे और गवर्नर से मुलाकात की। उन्‍होंने 124 विधायकों का समर्थन मिलने का दावा किया। राज्‍य के नए मुख्यमंत्री के शपथग्रहण को लेकर सबकी निगाहें राज्यपाल सी विद्यासागर राव पर टिकी थीं।

अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय ने 14 फरवरी को दोषी करार दिया था जिसके बाद से यह उन दोनों की तीसरी मुलाकात है। पिछले 5 फरवरी को शशिकला को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुना गया था लेकिन ओ पनीरसेल्वम ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था।

सूत्रों के मुताबिक पलानीसामी मंत्रिमंडल के गठन और राज्यपाल सी विद्यासागर राव के आदेश के मुताबिक अगले 15 दिनों में होने वाले विश्वास मत के बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं। राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि राज्यपाल ने अन्नाद्रमुक के पार्टी मुख्यालय सचिव इदापड्डी के पलानीसामी को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है।

राज्यपाल का यह निमंत्रण पलानीसामी द्वारा 14 फरवरी को जमा कराए गए पत्र की ‘स्वीकृति’ के रूप में आया था। उस पत्र में पलानीसामी ने कहा गया था कि उन्हें उस दिन विधायकों की एक बैठक में अन्नाद्रमुक के विधायक दल का नेता चुना गया है।

जैसे ही पलानीस्‍वामी के मुख्यमंत्री बनने की खबर आई, शशिकला के समर्थकों ने उसका स्वागत किया और राज्यपाल के फैसले की सराहना की। पिछले एक सप्ताह से चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर स्थित कूवाथुर रिजॉर्ट में रह रहे विधायकों ने मुस्कुराते हुए ‘चिन्नम्मा’ (शशिकला) के नाम के नारे लगाए। ये वही विधायक हैं, जिनके कुशलक्षेम के बारे में पुलिस पूछ रही थी। शशिकला के समर्थक सांसदों ने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन हो गया है और राज्य सरकार बनी रहेगी।

राज्यपाल ने पिछले दो दिन में पनीरसेल्वम और पलानीसामी के नेतृत्व वाले दोनों ही प्रतिद्वंद्वी धड़ों के साथ बैठकें कर ली हैं। अब ऐसा प्रतीत होता है कि वह भावी मुख्यमंत्री को मिलने वाले विधायकों के समर्थन के चलते आए संवैधानिक जनादेश का पालन कर रहे हैं। पलानीस्‍वामी का दावा है कि उन्हें 124 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।