मीडिया पर क्‍यों भड़के ट्रंप

वाशिंगटन।

मीडिया वालों से चली आ रही खटास एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भड़ने से सामने आ गई है। उनकी परमाणु नीति पर एक ऐसा समाचार दिखाया गया जिससे वह भड़क गए। उन्होंने कहा कि फर्जी खबर प्रसारित करने वालों के लाइसेंस रद्द होंगे। उधर, उत्‍तर कोरिया के विदेश मंत्री का हवाला देते हुए रूसी न्‍यूज एजेंसी ने कहा कि उत्‍तर कोरिया के विदेश मंत्री का हवाला देते हुए रूसी न्‍यूज एजेंसी ने कहा अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने उत्‍तर कोरिया के साथ जंग की शुरुआत कर दी है और इसके लिए उनके देश को दंड भुगतना होगा।

ट्रंप और उनके सहयोगियों ने मीडिया की इन संवेदनशील रिपोर्टों को गलत बताने के लिए बार-बार फर्जी खबरें शब्द का इस्तेमाल किया है। इन्हें गलत बताने के लिए फिलहाल कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति, एनबीसी न्यूज की उस रिपोर्ट से नाराज थे जिसमें कहा गया था कि ट्रंप अपने परमाणु हथियारों में दस गुणा बढ़ोतरी चाहते हैं।

ट्रंप ने इस समाचार को बनावटी बताया। उन्होंने कहा, एनबीसी और अन्य माध्यमों से आ रही सभी फर्जी खबरों को देखते हुए क्या उनके लाइसेंस को चुनौती देना उचित रहेगा? यह देश के लिए बुरा है। ट्रंप ने एक ट्वीट में लिखा था कि समाचार नेटवर्क इतने पक्षपातपूर्ण, विकृत और फर्जी हो गए हैं कि उनके लाइसेंसों को चुनौती देनी होगी और उचित लगने पर रद्द भी करना होगा। उन्होंने कहा कि यह खबर असत्य है कि वह परमाणु हथियारों में वृद्धि चाहते हैं।

प्‍योंगयांग ने हाल में दो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) का परीक्षण किया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया। उत्‍तर कोरिया ने अनेक मिसाइल का परीक्षण किए हैं जिन्‍हें परीक्षण के दौरान हाइड्रोजन बम का विस्‍फोट बताया गया। हालांकि उत्‍तर कोरिया अपने परमाणु मिसाइल क्षमता को अमेरिका पर हमले के लिए बढ़ा रहा है।

उत्‍तर कोरिया के विदेश मंत्री रि योंग हो ने कहा कि उनके देश का परमाणु कार्यक्रम क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की गारंटी लेता है और यह चर्चा का विषय नहीं होगा। रि के हवाले से टीएसएस ने बताया, ‘संयुक्‍त राष्‍ट्र में ट्रंप ने झगड़ालू बयान से हमारे विरुद्ध जंग की शुरूआत कर दी।‘

ट्रंप ने कहा था, ‘अमेरिका के राष्ट्रपतियों और प्रशासन द्वारा पिछले 25 वर्षों से उत्तर कोरिया से बात की जा रही है। कई समझौते किए गए और इस मामले में काफी धन भी खर्च किया गया। इस तरह की चीजें काम नहीं कर पाईं, समझौतों का उल्लंघन तत्काल किया गया और अमेरिकी वार्ताकारों को बेवकूफ बनाया गया।‘

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *