वीरेंद्र नाथ भट्ट। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले 20 दिनों से धुआंधार प्रचार कर रहे हैं और रोज 6-7 चुनाव सभाओं को संबोधित करते हैं। हर सभा में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की तीखी आलोचना के लिए खजांची नामक नवजात का खूब जिक्र करते हैं। यह वही खजांची है, जो बैंक लाइन में खड़ी अपनी मां के पेट से पैदा हुआ था। वह बताते हैं कि  बैंक वालों ने उसका नाम खजांची रख दिया। वह यह भी बताते हैं कि कैसे नरेंद्र मोदी के सरकार ने देश को लाइन में लगा दिया और कई लोगों की जान चली गई।

केंद्र सरकार ने उनकी की मदद नहीं की, लेकिन उनकी सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये का मुवावजा दिया। हालांकि, जिस खजांची के नाम और उसको दो लाख रुपये मदद का इस्तेमाल कर अखिलेश सरकार वाहवाही लूट रही है,  वह पैसा अब तक उस गरीब परिवार के पास नहीं पहुंचा है।

आज भी वह परिवार करीब डेढ़ महीने से बैंक पर धक्का खा रहा है, लेकिन नोटों की एक झलक नहीं पा सका है। अखिलेश हर सभा में दावा करते हैं कि उनकी सरकार ने दो लाख रुपये की मदद देकर नवजात को छोटा मोटा खजांची बना दिया।

ढाई महीने का खजांची अभी बोल नहीं पाता है। उसे यह भी नहीं पता कि उसके नाम का इस्तेमाल कर राजनेता अपनी छवि चमका रहे हैं। उसकी मां ने अपने बेटे के पैदा होने पर खुद को खुशकिस्मत समझा था। वजह भी सही थी कि बेटे ने पैदा होते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से ‘असंभव’  मुलाकात करा दी और साथ में दो लाख रुपये का चेक भी दिलवा दिया।

2 दिसंबर था। पांच बच्चों की मां 35 साल की सर्वेशा गर्भावस्था के अंतिम दिनों में थी। बैंक उनके घर से तीन किलोमीटर दूर था। ऐसे में इस दूरी को कानपुर के मंगलपुर थाने में सरदारपुरवा गांव की सर्वेशा ने अपनी सास शशि देवी के साथ पैदल तय किया था।

जब उनसे यह पूछा गया कि भला अखिलेश यादव अपनी चुनाव सभाओं में खचांची का नाम क्यों लेते हैं,  इस महिला ने कहा कि मुख्यमंत्री साहब ने उन्हें मिलने के लिए लखनऊ बुलाया था। वहां हमें दो लाख रुपये का चेक मिला,  लेकिन चेक कानपुर के जिला अधिकारी के नाम था। ऐसे में हमें जिला अधिकारी के पास जाना पड़ा।

फिर जिला अधिकारी ने उस चेक को हमारे नाम किया। हमने चेक को करीब डेढ़ महीने पहले जमा किया था,  लेकिन आज तक पैसे नहीं मिले। बैंक जा-जाकर थक गए,  लेकिन अब तक हाथ में पैसे नहीं आए। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के महासचिव विजय पाठक ने कहा कि अब जनता तय करे कि सपा सरकार का काम बोलता है या कारनामा बोलता है।