विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। भारतीयों बैंको के मोस्ट वांटेड बिज़नेस टाइकून विजय माल्या से करोड़ो के बैंक लोन वसूलने और उसे नियमो की अनदेखी कर बड़े लोन देने वाले बैंक अधिकारियों पर अब शिकंजा कसने लगा है । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विजय माल्या ऋण मामले में सोमवार को आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन, तीन अन्य पूर्व अधिकारियों और किंगफिशर एयरलाइंस के चार पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल और अब बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ए. रघुनाथन शामिल हैं। इसके अलावा एयरलाइंस के तीन पूर्व सीईओ और तीन पूर्व बैंक अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है। इससे पहले सीबीआई के अधिकारियों ने माल्या के घर समेत 11 स्थानों पर छापेमारी की थी। इनमें बेंगलुरु में यूबी टावर की तीन मंजिलें और अग्रवाल और रघुनाथन के आवास शामिल हैं।
सीबीआई अधिकारियों का एक दल सोमवार को विजय माल्या की अगुवाई वाले यूबी समूह के दफ्तर पहुंचा। विजय माल्या पर किंगफिशर मामले में बैंकों का 6,203 करोड़ रपये का बकाया है और उन्हें एक अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, दिल्ली से सीबीआई अधिकारियों का एक दल बेंगलुरु में यूबी समूह के दफ्तरों में पहुंचा।
हालांकि, अधिकारी ने इससे ज्यादा कोई ब्योरा नहीं दिया। इस बीच, यूबी समूह के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि सीबीआई अधिकारियों का दल उनके दफ्तर आया था। प्रवक्ता ने कहा कि वे पूरा सहयोग कर रहे हैं। इससे पहले 19 जनवरी को बेंगलुरु के ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले बैंकों के गठजोड़ से संकट में फंसे उद्योगपति माल्या और उनकी कंपनियों से किंगफिशर एयरलाइंस के मामले में 6,203 करोड़ रुपये की 11.5 प्रतिशत के वार्षिक ब्याज के साथ वसूलने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
माल्या दो मार्च को देश से बाहर चले गए थे। फिलहाल वह लंदन में हैं। कथित रूप से बैंक ऋण का भुगतान नहीं करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर उन्हें मनी लांड्रिंग जांच में मुंबई की एक अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है।