इलाहाबाद। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों का समर्थन करने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ इलाहाबाद की सीजेएम कोर्ट में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पहली मार्च तक राहुल के खिलाफ सबूत पेश करने को कहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष के खिलाफ लखनऊ कोर्ट में भी बुधवार को एक जनहित याचिका दायर की गई है।
किसने दी अर्जी
राहुल गांधी के खिलाफ यह याचिका मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील और भाजपा नेता सुशील मिश्र की तरफ से दाखिल की गई। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने देशद्रोह के आरोपियों के समर्थन में बयान देकर और जेएनयू कैम्पस में सभा कर खुद भी देशद्रोह का काम किया है। अर्जी में कोर्ट में केस दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। कोर्ट ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124, 124 ए, 500 और 511 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था।
कोर्ट ने क्या कहा
बुधवार दोपहर 2 बजे याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट के जज सुनील कुमार ने माना कि पहली नजर में राहुल गांधी के खिलाफ देशद्रोह का केस बनता है। इसलिए केस दर्ज किया जाए।
लखनऊ में 27 फरवरी को सुनवाई
जेएनयू विवाद में राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी लखनऊ जिला अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। याचिका पर 27 फरवरी को सुनवाई होगी। वकील प्रमोद पांडे ने यह याचिका दायर की है। पांडे ने अपनी अर्जी में कहा है कि 10 फरवरी, 2016 को जेएनयू के कुछ छात्रों ने देशद्रोही नारे लगाए थे। इन छात्रों ने अफजल गुरु के समर्थन में भी नारे लगाए थे। जेएनयू के छात्रों की इस हरकत का राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने समर्थन किया था जो अपने आप में देशद्रोह है। याचिका दायर करने वाले वकील प्रमोद पांडेय का कहना है कि अगर कोई किसी देशद्रोही का समर्थन करता है तो वह खुद धारा 120 बी का मुजरिम होता है। अपराधी को संरक्षण देना भी देशद्रोह के दायरे में आता है। फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर देश विरोधी नारे लगाने वालों के पक्ष में बयानबाजी करना सही नहीं है।
जेएनयू में राहुल ने क्या कहा था?
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में राहुल गांधी 13 फरवरी को यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। उन्होंने कन्हैया की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए कहा था कि सबको अपनी बात कहने का हक। आवाज दबाने वाला देशद्रोही है। भाजपा और आरएसएस आवाज दबा रहे हैं।