अभिषेक रंजन सिंह, नई दिल्ली।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत के बाद सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है। इसे लेकर मीडिया में कई नामों को लेकर चर्चा है। वैसे मुख्यमंत्री की रेस में गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम भी शामिल है। भाजपा संसदीय बोर्ड किसके नाम पर मुहर लगाती है, यह एक-दो दिनों में साफ हो जाएगा, लेकिन इस बीच सांसद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर छेड़ दी है। फेसबुक पर जहां सैकड़ों लोग रोजाना अपने प्रोफाइल पिक्चर में योगी आदित्यनाथ का फोटो अपलोड कर रहे हैं। वहीं फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब और वाट्स एप पर भी हर दिन सैकड़ों की संख्या में पोस्ट लिखे और शेयर किए जा रहे हैं। योगी के समर्थन में लिखे इन तमाम पोस्ट पर हजारों की संख्या लाइक्स और कमेंट भी आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में भाजपा किसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए बगैर चुनाव लड़ी। ऐसा इसलिए किया गया कि प्रदेश में पार्टी के कई बड़े चेहरे हैं। चुनाव से पहले इसे लेकर कोई कलह न हो इसलिए भाजपा बिना किसी चेहरे के चुनाव में उतरी। हालांकि, उसकी यह रणनीति कारगर रही और पार्टी को सूबे में ऐतिहासिक जीत मिली।

सांसद योगी आदित्यनाथ भाजपा के फायर ब्रांड नेता हैं। एक बड़े हिंदू नेता के रूप में उनकी पहचान तो पूरे प्रदेश में है, लेकिन पूर्वांचल में उनका प्रभाव काफी ज्यादा है। वैसे तो उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने का अभियान उनके समर्थकों की तरफ से 2015 से चल रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले और चुनाव के बाद यह अभियान और तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ के समर्थन में कई पेज बने हैं। मसलन, ‘आई सपोर्ट योगी आदित्यनाथ’, ‘योगी आदित्यनाथ जी फॉर सीएम ऑफ पूर्वांचल’, ‘योगी आदित्यनाथ सीएम फॉर उत्तर प्रदेश’, ‘हिन्दुत्व को बचाना है तो योगी जी को मुख्यमंत्री बनाना है’। उसकी तरह ट्यूटर पर भी ‘योगी फॉर सीएम’, ‘यूपी नेक्स्ट सीएम’, ‘योगी आदित्यनाथ फैन्स’, ‘योगी फॉर यूपी’ आदि नामों से दर्जनों एकाउंट बने हैं।

बहरहाल, उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसपर सबकी निगाहें टिकी हैं। अगले दो दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की कमान किसके हाथों में होगी। लेकिन इतना जरूर है कि मुख्यमंत्री के संभावित नामों में योगी आदित्यनाथ का नाम भी शामिल है। शायद यही वजह है कि उनके समर्थकों की ओर से सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में अभियान चलाया जा रहा है।