क्या जियो का ऐप सुरक्षित है

अजय विद्युत

दिल्ली की बात छोड़ दें तो लखनऊ से बेंगलुरु तक रिलायंस डिजिटल स्टोर्स से जियो का सिम पाने के लिए अभी भी काफी लंबी लाइन लगती है। तमाम स्टोर्स पर आपको इक्का दुक्का लोग दिखेंगे लेकिन वहां लिखा दिखेगा-सिम नहीं हैं। लेकिन जहां सिम हैं जरा वहां का हाल भी सुन लीजिए। पी सिंह की तरह कुछ ऐसे भी लोग हैं जो घंटों लाइन में लगकर खासी मशक्कत के बाद पसीने-पसीने काउंटर तक पहुंचते हैं। उनके पास फोन पर माई जियो ऐप से निकला बार कोड है। आधार कार्ड और दूसरे कागजात की जांच का काम रिलायंसकर्मी कर चुके हैं।  क्या उन्हें सिम मिला… आइए पी सिंह से ही सुनिए उनकी दास्तान-

‘बेंगलुरु में रिलायंस डिजिटल की होसर रोड ब्रांच में जियो का सिम लेने के लिए मैं तीन घंटे तक लाइन में खड़ा रहा। जब मैं काउंटर तक पहुंचा तो मेरे आधार कार्ड और सारी चीजों की जांच के बाद बताया गया कि मेरा बार कोड तो पहले ही इस्तेमाल हो चुका है। यानी उस पर किसी और को पहले ही सिम दिया जा चुका है। ऐसा किस प्रकार संभव है। इसका सीधा मतलब तो यह है कि वे मेरे बारे में जानकारी किन्हीं गलत कारणों से भी इस्तेमाल कर सकते हैं। क्या मैं सही हूं। इसके अलावा वे मुफ्त मिल रहे जियो सिम की कालाबाजारी भी कर रहे हैं। अगर आप तीन सौ रुपये खर्च करने को तैयार हों तो आपको जियो का सिम आसानी से मिल जाएगा। मेरा मोबाइल नंबर 7022166811 है।’

Jio-sim-nahi-haiसवाल यह है कि आपके फोन पर निकला बार कोड किसी दूसरे के फोन पर कैसे आ सकता है? क्या यह जियो के तकनीकी संचालन में वाकई किसी बड़ी गड़बड़ी का संकेत है। लेकिन इतने गहरे में न जाएं तो भी क्या जियो का ऐप डुप्लीकेट बारकोड निकाल सकता है। ऐसा है तो बाकी जानकारियों को लेकर लोगों का आशंकित होना स्वाभाविक है। और ऐप की गलती की सजा उपभोक्ता को क्यों?

साइबर विशेषज्ञ बालेन्दु शर्मा दाधीच कहते हैं कि अगर ऐसा हुआ है तो उपभोक्ताओं का अपनी निजी जानकारियों की सुरक्षा को लेकर सशंकित होना स्वाभाविक है। लेकिन सेवा प्रदाता कंपनी का भी दायित्व बनता है कि वह अपनी साख को प्रभावित होने से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाए। बात केवल एक बारकोड तक नहीं है कि वह किसी और के फोन पर कैसे आ गया। दाधीच ने कहा कि तकनीकी प्रणाली में छोटी सी चूक भी किसी बड़े खतरे तक जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *