नई दिल्ली। जियो की सेवाओं को लेकर लोगों में जितना उत्‍साह है, उतनी ही आशंकाएं भी। ऐसा कॉल ठीक से न लगने के कारण है, लेकिन अब जियो से एयरटेल के कनेक्शन पर कॉल ड्रॉप की समस्या दूर हो सकती है। एयरटेल ने जियो को ज्यादा इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया कराने का फैसला किया है। एयरटेल के मुताबिक, ताजा फैसले के बाद इंटरकनेक्ट प्वाइंट की संख्या मौजूदा क्षमता से तीन गुना बढ़ा दी जाएगी। ये 1.5 करोड़ ग्राहकों को सेवा मुहैया कराने के लिए पर्याप्त है जो जियो के ग्राहकों की मौजूदा संख्या से कहीं ज्यादा है।

एयरटेल ने कहा है कि एयरटेल एक जिम्मेदार संगठन है। ये कायदे-कानून का ही नहीं इंटरकनेक्ट समझौते का भी पूरी तरह से पालन करती है और करती रहेगी। कंपनी का ये भी कहना है कि ज्यादा संख्या में इंटरकनेक्ट प्वाइंट जारी करने के साथ एयरटेल के नेटवर्क पर जियो से की गई कॉल की भारी संख्या पर गौर करना होगा। साथ ही ये भी तय करना होगा कि एय़रटेल के ग्राहकों के लिए सेवा की गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े।

एयरटेल को उम्मीद है कि टेलिकॉम रेग्युलेटर एयरटेल के मुकाबले जियो नेटवर्क से होने वाले भारी तादाद में कॉल से जुड़े मुद्दे पर जल्द से जल्द विचार करेगा। साथ ही रेग्युलेटर ये भी देखे कि भारी संख्या में मुफ्त कॉल के बाद एयरटेल के नेटवर्क पर बुरा प्रभाव न पड़े। जियो की सेवाएं 5 सितम्बर से शुरू हुई हैं, जिनमें वेलकम ऑफर के तहत 31 दिसम्बर तक सभी वॉयस कॉल सहित डेटा भी मुफ्त मिलेगा। बाकी टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि मुफ्त में दी गई सेवा को व्यावसायिक नहीं माना जा सकता। साथ ही मुफ्त सेवा से जियो के कनेक्शन से की गई कॉल की संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी जिससे उनके नेटवर्क पर दवाब बढ़ेगा।

क्या है इंटरकनेक्ट प्वाइंट?

इंटरकनेक्ट प्वाइंट या पीओआई दरअसल वो माध्यम है जिसके जरिये दो मोबाइल नेटवर्क पर कॉल पूरी होती है। इंटरकनेक्ट प्वाइंट के जरिये ही मोबाइल से की गई कॉल पूरी हो पाती है। अगर किसी टेलिकॉम ऑपरेटर को दूसरे टेलिकॉम ऑपरेटर पर्याप्त संख्या में इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया नहीं कराते हैं तो पहले टेलिकॉम ऑपरेटर के ग्राहक के लिए कॉल पूरा करना संभव नहीं होता और फिर कॉल ड्रॉप की समस्या आती है।