विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। 32 दिनों से चल रहा जाट आंदोलन अब दिल्ली तक पहुंच रहा है। यशपाल मलिक के नेतृत्व में जाटों ने गुरुवार को दिल्ली के जाटों का जंतर मंतर पर डेरा डाल दिया । रोहतक, झज्जर, पानीपत, सोनीपत से हज़ारों जाटों का हुजूम दोपहर होने तक जंतर – मंतर पर पहुचा और जाटों ने अपनी मांगो को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया तथा राष्ट्पति भवन की तरफ कूच करने की कोशिश की । लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया बाद में पुलिस के समझाने के बाद जाटों का एक प्रतिनिधिमंडल अपना ज्ञापन लेकर राष्ट्पति भवन गया। जाटों के इस प्रदर्शन की अगुवाई अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक कर रहे थे । जाटों के प्रदर्शन के मद्देनजर पहले से ही पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई थी।
बता दें कि असहयोग आंदोलन के तहत जाट समुदाय के लोगों ने बिजली तथा पानी के बिल का भुगतान न करने तथा राष्ट्रीय राजधानी को दूध और अन्य जरूरी चीजें जैसे सब्जियां आदि की आपूर्ति बंद करने का एलान किया है । होली के बाद 13 मार्च से इस असहयोग आंदोलन को ओर तेज किया जायेगा तथा दिल्ली की सीमाओ को बंद कर दिया जायेगा ।
यशपाल मलिक ने कहा कि नौकरी व एडमिशन में प्रवेश के लिए आरक्षण के अलावा जाट पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी, घायलों को मुआवजा, उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने तथा जाटों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बार आंदोलन इन मांगो के पूरा होने तक जारी रहेगा ।
गौरतलब है कि फरवरी 2016 में हरियाणा जाटो के आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस दौरान हजारों करोड़ रुपये की सरकारी व निजी संपत्ति की क्षति हुई थी।