बेटे नहीं बेटियां- आमिर खान

निशा शर्मा।

बेटा- बेटी के बीच के अंतर को खत्म करने की मुहिम में आमिर खान हमेशा सक्रिय रहते हैं, फिल्म दंगल में भी उनका किरदार बेटियों के सशक्तिकरण की बात करता है। लेकिन फिल्म दंगल के बाद आमिर एक ऐसी टीवी एड में दिख रहे हैं जिसमें वह बहुत सहज तरीके से बताते हुए नजर आ रहे हैं कि.. बेटे नहीं बेटियां भी हमारा हिस्सा हैं।

आमिर खान इस एड में एक सरदार दुकानदार की भूमिका में हैं, जिसका नाम गुरदीप सिंह है। गुरदीप सिंह को एक ग्राहक कहता है कि आपकी मिठाईयां बड़े जोर शोर से बिक रही हैं। इस पर गुरदीप कहता है कि बच्चों ने बिजनेस को इंटरनेट पर डाल दिया है। इस पर ग्राहक कहता है बड़े हौनहार हो गए हैं आपके बेटे। तो गुरदीप कहते हैं कि बेटे नहीं बेटियां।

दुकानदार गुरदीप सिंह की भूमिका में आमिर ने अपनी दुकान का नाम रखा है ‘गुरदीप सिंह एंड डॉटर्स’ भारतीय बाजारों की दुकानों के नाम में अक्सर ‘फलां फलां एंड सन्स’ लिखा दिखना आम है। लेकिन बेटियों के नाम पर अपने कारोबार को आगे बढ़ाने की छोटी सी लेकिन सशक्त पहल करने के कारण यह विज्ञापन नए प्रगतिशील उपायों का रास्ता दिखा रहा है।

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