नई दिल्ली।
डिग्री हासिल करने के बाद युवाओं को नौकरी तलाशने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। अगर नौकरी सरकारी हो तो फिर तो बात ही कुछ और है। मोदी सरकार जल्द ही ऐसे बेरोजगार युवकों को बंपर भर्ती का तोहफा देने वाली है। केंद्र सरकार ने करीब दो लाख 83 हजार कर्मचारियों की बहाली के लिए बजट मुहैया करा दिया है। इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत पुलिस बल और टैक्स अधिकारियों की संख्या बढ़ने वाली है।
दो लाख 83 हजार नई भर्तियों में 1.80 लाख भर्तियां पुलिस, आयकर, सीमा एवं उत्पाद शुल्क विभागों के लिए होंगी। मार्च 2016 में केंद्र सरकार के कुल 55 विभागों और मंत्रालयों में 32.84 लाख स्टाफ कार्यरत थे। इनमें रेलवे के 13.31 लाख कर्मचारी भी शामिल हैं, लेकिन इस आंकड़े में डिफेंस फोर्सेज शामिल नहीं हैं। अगर भर्ती का लक्ष्य हासिल कर लिया गया तो अगले एक साल में यानी मार्च 2018 तक केंद्रीय कर्मियों की तादाद बढ़कर 35.67 लाख हो जाएगी।
सरकार की नजर में कानून लागू कराने वाली एजेंसियों को मजबूत करना प्राथमिकता है, क्योंकि पुलिस बलों (केंद्रीय अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस) का विस्तार कर इनकी मौजूदा तादाद 10.07 लाख से बढ़ाकर मार्च 2018 तक 11.13 लाख करने के लिए बजट आवंटित हो चुका है। नोटबंदी के बाद काले धन के खिलाफ अभियान में शामिल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की मौजूदा ताकत 46 हजार से बढ़कर मार्च 2018 तक 80 हजार होने की उम्मीद की जा रही है।
इसी तरह, मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी टैक्स कानून जीएसटी लागू करने की जिम्मेदारी वाले सीमा एवं उत्पाद शुल्क विभाग की भी श्रम शक्ति बढ़ाने की योजना है। मार्च 2018 तक विभाग के लिए 41 हजार नई भर्तियां की जाएंगी। इससे विभागीय कर्मचारियों की मौजूदा संख्या 50,600 से बढ़कर अगले एक साल में 91,700 तक पहुंचने का उम्मीद है।
हर साल 2 करोड़ रोजगार का जुमला फेकने वाली सरकार अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 2.80 लाख नौकरी देने का प्लान बना रही है। मीडिया इसको ऐसे प्रसारित कर रहा है जैसे मोदी सरकार बहुत बडी़ उपलब्धि हासिल करने जा रही है।
बजट अनेक्शर्स में ‘सरकारी तंत्र की अनुमानित ताकत’ की समीक्षा से पता चलता है कि रेलवे की श्रम शक्ति में बदलाव की जरूरत महसूसी नहीं की गई है। यह 2015 से 2018 के दौरान रक्षा से इतर सबसे बड़ी तादाद वाले कर्मचारियों का विभाग है। इधर, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, मंत्रिमंडल सचिवालय जैसे विभागों के साथ-साथ सूचना एवं प्रसारण तथा विदेश मंत्रालयों में भी स्टाफ की तादाद बढ़ाने का लक्ष्य है।
सरकार ने 2016 में अपनी श्रम शक्ति में 1.88 लाख स्टाफ के इजाफे का खाका खींचा था, लेकिन सूचना-तकनीक विभाग और सीमा एवं उत्पाद शुल्क विभाग में नई भर्तियां करने में वह असफल रही। इससे 2015 के मुकाबले अब 21,000 स्टाफ की कमी आ चुकी है। विदेश नीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास दिलचस्पी की वजह से विदेश मंत्रालय में 2,000 कर्मचारियों का बड़ा इजाफा होने जा रहा है। इसके साथ ही मंत्रालय में 2016 के 9,294 स्टाफ के मुकाबले मार्च 2018 में 11,403 कर्मचारी हो जाएंगे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में भी दो साल पहले के 4,012 कर्मचारियों की तादाद बढ़ाकर 2018 में 6,258 करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह, कैबिनेट सेक्रेटिएट में स्टाफ की संख्या 921 से बढ़कर अगले साल तक 1,218 होने जा रही है।