देबदुलाल पहाड़ी।
भारत में 12 से 15 अक्टूबर तक चौथी बार ‘रसियन फिल्म डेज’ आयोजित किया जाएगा। इस बार यह उत्सव रूस-भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन और रूस के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की बैठक के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हिस्सा भी होगा। फिल्म समारोह अभी से ही अपनी सीमाओं का विस्तार भी कर रहा है, क्योंकि इसके जरिये सबसे सफल और प्रमुख फिल्मों को न केवल दिल्ली, बल्कि पुणे और मायानगरी मुंबई में भी दिखाया जाएगा।
उद्घाटन समारोह 12 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित रसियन कल्चर एवं साइंस सेंटर में होगा। फिल्म समारोह की शुरुआत एलेक्सी पेट्रुखिन (Alexy Petrukhin) द्वारा निर्देशित ‘लास्ट ट्रायल’ के विश्व प्रीमियर से होगा। हालांकि, गंभीर सामाजिक मुद्दों पर आधारित इस फिल्म को रूस में पहली बार 28 नवंबर को प्रदर्शित किया जाएगी। इस फिल्म को अभिनेत्री अन्न चूरिना और अलीसा ग्रेंबेंसचेकोवा द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
फिल्म समारोह में भारतीय दर्शकों को एक ही साथ रूस की उन प्रतिष्ठित फिल्मों को देखने का मौका मिलेगा, जिन्हें इस साल वहां रिलीज किया गया था और जिन्होंने वहां व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। इनमें रूसी बॉक्स ऑफिस पर दमदार रिजल्ट देने वाली फिल्में ‘आइस’, ‘स्पेसवाकर’, ‘गोगोल, ‘दि बिगनिंग’, ‘वेल, हेलो देयर, ओक्साना सोकोलोवा’, ‘फेयरी टेल’, ‘द लास्ट वारियर’ ‘शिप एंड वोल्व्स’ जैसी अलग-अलग विधाओं एवं जॉनर की फिल्में शामिल होंगी। खास बात यह है कि इन फिल्मों को रूसी फिल्म बिरादरी की अन्ना चुरीना, वैलेंटाइना माज़ुनिना, आर्टेम तकाकेंको, अलीसा ग्रेबेंसचेकोवा, विक्टर खोरीन्याक जैसे सम्मानित मेहमानों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
भारत में ‘रसियन फिल्म डेज’ रचनात्मक और आर्थिक अभिजात वर्ग के साथ संपर्कों में सुधार करने के साथ-साथ सिनेमा उद्योग में बंधन को मजबूत करने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और रूस को भारत के अभिन्न भागीदार के रूप में आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पिछले फिल्म समारोहों में प्राप्त अनुभव इस साल भी फिल्म समारोह की सफलता को लेकर स्पष्ट रेखा बनाता है।
फोरम प्रोड्यूसर एवं रूसी फिल्म निर्माता संघ के सलाहकार, ‘दि हॉलीवुड रिपोर्टर’ की एडिटर-इन-चीफ मारिया लेमेशेवा, जो रूसी प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख भी हैं, कहती हैं, ‘हर साल आयोजित होने वाला ‘रसियन फिल्म डेज’ अपने बड़े पैमाने के कारण हमेशा दर्शकों के बीच लोकप्रिय रहा है। पिछले तीन वर्षों से भारत में 15 हजार से अधिक लोगों ने रूसी फिल्मों को देखा है। हमारा मानना है कि सिनेमा में सबसे ज्यादा एकजुट करने वाले तत्वों का समावेश होता है। इस साल हम रूस में बने सबसे स्ट्राइकिंग फिल्मों को प्रस्तुत करेंगे और हमें आशा है कि वे भारत में भी उसी तरह लोकप्रिय होंगे, जैसे रूस में हुए हैं।’
बता दें कि भारत में ‘रसियन फिल्म डेज’ का आयोजन 2015 से हो रहा है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त वक्तव्य में भी इसका उल्लेख किया गया था।
‘रसियन फिल्म डेज’ का चौथा फिल्म समारोह एलएलसी सिनमेरुस द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसे रूस के संस्कृति मंत्रालय, रूसी फिल्म निर्माता संघ, रसियन नेशनल फंड ऑफ कॉपीराइट्स होल्डर्स सपोर्ट, भारत में रूसी दूतावास, रसियन कल्चर एवं साइंस सेंटर और स्टार मीडिया फिल्म कंपनी का समर्थन हासिल होता है।