संध्या द्विवेदी। 

अभिनेता, नेता, सन्यासी और माली भी। रील नहीं रीयल लाइफ में भी विनोद खन्ना ने कई किरदार निभाये। अभिनेता बने तो छा गये। सन्यासी बने तो गुरु ओशो ने सैक्सी सन्यासी का नाम दिया।

 

मेरा गांव मेरा देश फिल्म में डाकू के किरदार में
मेरा गांव मेरा देश फिल्म में डाकू के किरदार में

एक समय ऐसा भी था कि खूबसूरत चेहरे और बेजोड़ कद काठी के विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन को मात देते से लगे। इधर फैंस बढ़ने शुरू हुये उधर सांसारिक दुनिया से विनोद खन्ना का मोह भंग होना शुरू हो गया। विनोद खन्ना उस वक्त सन्यासी बने जब वह अपने करियर के शिखर पर थे।

ओशो के आश्रम में वह चार साल घर परिवार को छोड़कर रहे। वहां भी उन्हें आचार्य रजनीश ने उन्हें ‘सेक्सी सन्यासी’ का नाम दिया। एक इंटरव्यु के दौरान उन्होंने बताया था कि आश्रम में वह ओशो के माली थे। लेकिन फिर चार साल बाद उनकी वापसी हुई और फिर उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं। अभिनेता के रूप में शोहरत बटोरने वाले विनोद खन्ना नेता भी बने। हालांकि नेता के रूप में उन्हें सफल नहीं कहा जा सकता।

गुरदासपुर सीट से विनोद खन्ना सांसद थे। पठानकोट हमले  के बाद वहां न पहुंचने पर उनकी कड़ी आलोचना हुई। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा था कि खराब सेहत की वजह से वह वहां नहीं पहुंच पाये थे। पिछले साल उन्हें संसदीय समिति से बर्खास्त कर दिया गया था। उन पर समिति की बैठकों से गैरहाजिर रहने का आरोप था। विनोद खन्ना के अलावा 11 और सांसद निकाले गये थे।

स्टोरी करते हुए विनोद खन्ना से बात करने की कोशिश कि तो फोन उन्होंने नहीं बल्कि किसी और ने उठाया। जवाब दिया कि सर टूर पर हैं। यह पूछने पर कि कैसा टूर तो जवाब मिला कोई व्यक्तिगत टूर है।

यकीन मानिये आपका जादू अभी जिंदा है…

मेरे अपने फिल्म का एक सीन
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स्टोरी के सिलसिले में उन्हें पहली बार फोन किया और आखिरी बार भी। उस वक्त पता नहीं था कि उनकी खराब सेहत उनसे मेरी कभी बात नहीं होने देगी। काश! कि मैंने भी उस हीरो की आवाज अपने फोन पर सुनी होती जिसके दीवाने भारत में न जाने कितने लोग थे। फोन उन्होंने नहीं बल्कि किसी और ने उठाकर कहा सर बात नहीं कर सकते। किसी टूर पर हैं। व्यक्तित टूर पर।  उनके  करीबी से जब मैंने जिक्र किया कि विनोद जी किसी व्यक्तिगत टूर में हैं! तो उन्होंने बताया कि विनोद खन्ना दरअसल आयुर्वेद पद्धति से इलाज के लिये जाते हैं। वे सालों से कैंसर से जूझ रहे हैं।

मैंने फौरन दोबारा उन्हें फोन किया सेहत का हाल जानने के लिये।  तो फिर उनके उसी कर्मचारी ने फोन उठाया। उनकी खराब सेहत के बारे में पूछने पर जवाब दिया, आप को गलत खबर मिली है। वह बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। अक्सर सेलिब्रिटीज अपनी खराब सेहत को किसी के सामने नहीं आने देना चाहते। कई वजहें होती हैं।

विनोद खन्ना शायद नहीं चाहते होंगे की उनके फैंस उन्हें हीरो के अलावा किसी और तरह से याद रखें। उनके जर्जर होते शरीर को देखें। देखें कि उनका हीरो किस तरह कमजोर होता जा रहा है। लेकिन न जाने कहां से पिछले दिनों उनकी एक फोटो लीक हुई। बीमारी से जूझते, कमजोर विनोद खन्ना की। मैं मानती हूं कि यह उनकी निजता पर हमला था। एक हीरो की अंतिम इच्छा के खिलाफ था। यकीनन विनोद खन्ना से पूछा जाता कि उनकी अंतिम यात्रा के बाद खबरों में किस तस्वीर का इस्तेमाल हो तो वह अपनी सबसे खूबसूरत तस्वीर का चयन ही करते।