यदि आप निजी क्षेत्र की कंपनियों में जॉब करते हैं और घर खरीदने की इच्छा रखते हैं तो जल्द ही आपकी यह इच्छा कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) खाते के जरिये पूरी पूरी हो सकती है। सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) कानून में बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव के बाद पीएफ खाताधारक अपनी जमा राशि का 90 फीसदी तक घर खरीदने के लिए निकाल सकेंगे। साथ ही अपने पीएफ खाते से ही होम लोन की मासिक किस्त भी अदा कर सकेंगे। इसका फायदा ईपीएफओ के करीब पांच करोड़ अंशधारकों को मिलेगा।

जल्द होगी घोषणा

बुधवार को राज्‍यसभा में इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्‍तात्रेय ने एक लिखित जवाब में बताया कि ईपीएफओ प्रोविडंट फंड स्‍कीम 1952 में सरकार बदलाव करने जा रही है और उसमें एक नया पैराग्रॉफ 68 बीडी शामिल करेगी। आपको बताते चलें कि पहले ही खबर आई थी कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन अपने करीब पांच करोड़ पीएफ खाताधारकों के लिए खुशखबरी लेकर आने वाला है। ईपीएफओ अपने पीएफ खाताधारकों को खुशखबरी देने के लिए मार्च में उनके लिए हाउसिंग स्‍कीम को लांच करेगा। इस स्‍कीम के तहत पीएफ खाताधारक अपने पीएफ खाते से ही घर खरीद सकेंगे और ईएमआई दे सकेंगे। नौकरी के दौरान उनके लिए घर खरीदने में मदद की इस स्‍कीम की घोषणा पांच राज्यों में चुनाव संपन्न हो जाने के बाद अब कभी भी की जा सकती है।

इस स्‍कीम के तहत ईपीएफओ अपने पीएफ खाताधारकों के लिए फेसिलिएटर की भूमिका निभाएगा और उनकी नौकरी के दौरान उनके लिए घर खरीदने में मदद करेगा। पीएफ खाता धारक और नौकरी देने वाले लोग ग्रुप हाउसिंग स्‍कीम में आने वाले घरों को खरीद सकेंगे। इस स्‍कीम का फायदा तभी मिलेगा जब कम से कम 20 लोग ग्रुप हाउसिंग सोसासटी की इस स्‍कीम में आएं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली योजनाओं का लाभ भी ईपीएफओ के खातधारक इस स्‍कीम के तहत उठा सकते हैं।

ईपीएफओ पार्टी नहीं बनेगा

कहा जा रहा है कि सरकार का सब के लिए घर स्‍कीम के तहत सबको फायदा दिए जाने की बात कही जा रही है। इस स्‍कीम का फायदा अन्‍य सेक्‍टर के लोगों को भी होगा जिसमें ईपीएफओ एक लेटर उपलब्‍ध कराएगा जिसमें बताया जाएगा कि सब्‍सक्राइबर लोन वापस कर सकता है या नहीं। साथ ही अगर घर खरीदने के दौरान कोई विवाद होता है तो ईपीएफओ इस मामले में पार्टी नहीं बनेगा। साथ ही विवाद के समय ईपीएफओ के पास अधिकार होगा कि वो डाउन पेमेंट और मासिक किस्त को जारी किए जाने से तत्‍काल प्रभाव से रोक दे।