नई दिल्ली।

साइबर अटैक का खौफ इतना छा गया कि देश भर में सोमवार को कई एटीएम बंद कर दिए गए। बताया गया कि साइबर वायरस के अटैक के खतरे के मद्देनजर ऐसा किया गया। गृह मंत्रालय हालात पर नजर बनाए हुए है। एहतियात के तौर पर कई एटीएम बंद किए गए हैं। हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम बंद करने की खबर से इनकार किया और कहा कि एटीएम बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है, सिर्फ एडवाइजरी जारी की गई है। यह अब तक के इतिहास का सबसे व्यापक तौर पर फैलने वाला रैंसमवेयर है।

देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को विश्व भर में तेजी से फैल रहे वनाक्राई रैंसमवेयर की हानिकारक गतिविधियों को लेकर पहले ही आगाह किया हुआ है। यह रैंसमवेयर सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित करती है और दूसरी जगह से फाइल को लॉक कर देती है।

दुनिया के 100 से अधिक देशों में जबरन वसूली के लिए बड़ी संख्या में साइबर हमलों के मामले सामने आए हैं। रैंसमवेयर एक ऐसा मालवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम की फाइल को लॉक कर देता है और एक निश्चित राशि के भुगतान के बगैर फाइल अनलॉक नहीं होती है।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने कहा है कि दुनिया के कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर हमले रैंसमवेयर को देखते हुए सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए। इस साइबर हमले से 150 से अधिक देशों में 2 लाख इकाइयां प्रभावित हुई हैं। माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। इसके प्रभावित होते ही कंप्यूटर की सभी फाइलें लॉक हो जा रही हैं।

इसकी पहचान सबसे पहले अमेरिकी खुफिया विभाग ने की। राष्ट्रीय सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) ने माइक्रोसॉफ्ट को तीन महीने पहले इस बारे में सतर्क किया था। माइक्रोसॉफ्ट ने स्थिति से निपटने के लिए एक उन्नत संस्करण जारी किया लेकिन कई उपयोगकर्ताओं ने इसे अब तक डाउनलोड नहीं किया।

माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष व मुख्य विधि अधिकारी ब्रॉड स्मिथ ने रविवार (14 मई) को ब्लॉग पर लिखा कि दुनिया भर की सरकारों के लिए यह चेतावनी है और उन्हें इसको लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों,  ग्राहकों व सरकार को साइबर हमलों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।

साइबर अपराधी उपकरणों को ठीक करने के लिए 300 अमेरिकी डॉलर की डिजिटल मुद्रा बिटक्वाइन की मांग कर रहे हैं। यह मालवेयर ई-मेल के जरिये फैलता है। सप्ताहांत तक इस रैंसमवेयर के जरिये रूस और ब्रिटेन समेत 100 से अधिक देशों के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला किया गया है।