इलाहाबाद।
बसपा नेता मोहम्मद शमी की यहां रविवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। बदमाशों ने उनके दफ्तर परिसर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। हमले के बाद बदमाश फरार हो गए। वारदात से नाराज समर्थकों ने इलाहाबाद-प्रतापगढ़ रोड को जाम कर दिया।
घटना मऊआइमा कस्बे की है। बताया जा रहा है कि रविवार रात पूर्व ब्लॉक प्रमुख शमी अपने दोस्तों के साथ ढाबे पर खाना खाने गए थे। खाने के बाद शमी अपने दफ्तर में चले गए। इसके बाद जब वह अपनी कार की तरफ बढ़े तो बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। गोली लगते ही शमी गिर गए और बदमाश वहां से फरार हो गए।
शमी के परिजनों ने भाजपा नेता और मौजूदा ब्लॉक प्रमुख समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है। परिजनों का आरोप है कि प्रधानी के चुनाव की रंजिश के चलते भाजपा नेता ने साथियों संग मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।
पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। हत्याकांड को लेकर जब कैबिनेट मंत्री और इलाहाबाद से नवनिर्वाचित विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- मारा गया नेता हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। ऐसा लगता है हत्या व्यक्तिगत रंजिश में की गई।
मूल रूप से दुबाही गांव निवासी 65 वर्षीय मोहम्मद शमी चार बार मऊआइमा के ब्लाक प्रमुख रहे। तीन बार वह विधानसभा चुनाव भी लड़े। 2002 में वह कुंडा विधानसभा क्षेत्र से राजा भैया के खिलाफ भी चुनाव मैदान में उतरे थे। ट्रक लूट समेत कई आपराधिक मामलों में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था।
पिछला ब्लाक प्रमुख चुनाव हारने के बाद शमी बसपा से जुड़ गए थे। उन्होंने मऊआइमा थाने से कुछ दूर पर सुल्तानपुर खास गांव में कार्यालय और मकान बना रखा था। ज्यादातर वह इसी मकान में ठहरते थे।
पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर
मोहम्मद शमी के खिलाफ कई आपराधिक केस दर्ज हैं। पुलिस रिकॉर्ड में वह हिस्ट्रीशीटर थे। पुलिस के मुताबिक 65 साल के शमी के खिलाफ 31 केस दर्ज हैं, जिनमें मर्डर, डकैती और लूट जैसे गंभीर अपराध भी शामिल हैं। इसके अलावा उनके ऊपर भूमि विवाद के भी मामले चल रहे हैं।