नई दिल्ली। काली कमाई रखने वालों ने 65 हजार 250 करोड़ रुपये के काले धन की घोषणा की है। यह घोषणा पिछले चार महीनों में हुई है, जो आईडीएस यानी आय घोषणा योजना के तहत संभव हुआ है। योजना के प्रति आशंका थी और यह सवाल उठ रहा था कि क्या इस बार 1997 में एचडी देवेगौड़ा के कार्यकाल में तत्‍कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम द्वारा चलाई गई घरेलू आय घोषणा योजना के तहत घोषित हुए 33 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार हो सकेगा।

उस दौरान चार लाख से अधिक लोगों ने अपनी बेहिसाब संपत्ति का ब्योरा दिया था। इसकी तुलना में पिछले साल विदेशों में जमा कालेधन के रूप में केवल 4,164 करोड़ रुपये की घोषणा हुई थी, जिससे टैक्स के रूप में केवल 2,428 करोड़ रुपयों की प्राप्ति हुई थी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आईडीएस के तहत घोषित की गई संपत्ति की जानकारी दी। उन्‍होंने कहा, ‘अभी जो आंकड़े मैं दे रहा हूं, हो सकता है कि रिवीजन के बाद वे बदल जाएं।’ इस स्कीम के दौरान 64 हजार 275 लोगों ने 65 हजार 250 करोड़ रुपये के काले धन की घोषणा की है।

अरुण जेटली ने बताया कि काले धन के तहत खुलासा करने वाले हर व्यक्ति ने औसतन एक करोड़ रुपये का खुलासा किया है। इस योजना के तहत खुलासा करने वाले लोगों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। सरकार ने टैक्स छुपाए जाने के चलन को कम करने के लिए कई अहम फैसले किए हैं।

सर्च ऑपरेशन के दौरान 56 हजार 378 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है। एचएसबीसी बैंक की लिस्ट से तकरीबन आठ हजार करोड़ रुपयों का टैक्स असेसमेंट पूरा हो गया है। सीबीडीटी की चेयरपर्सन रानी एस़ नायर ने कहा कि आय घोषणा योजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपये का टैक्स आने की उम्मीद है।

इस योजना को 1 जून 2016 को लॉन्च किया गया था, जिसके तहत कर चोरी करने वालों को अवसर दिया गया था कि वे कर चोरी की सजा, पेनाल्टी और अभियोजन से मुक्ति पा सकते हैं। जिन लोगों ने अपने काले धन की घोषणा की है,  उन्होंने 45 फीसदी टैक्स दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही बयान दिया था कि 30 सितंबर के बाद काला धन रखने वालों के खिलाफ उम्र कैद सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए इस योजना में काला धन के बारे में जानकारी दे दें।

वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि टैक्‍स चोरी रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। टैक्‍स चोरी करने वालों से आयकर विभाग को 16 हजार करोड़ रुपये मिले हैं।’ सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने प्रधान आयकर आयुक्तों को 30 सितंबर को मध्यरात्रि तक काउंटर खोलने के निर्देश दिए थे ताकि आईडीएस के तहत लोगों को अपने बेहिसाबी धन की घोषणा करने में सुविधा हो। घोषणा के आखिरी दिन कैबिनेट सचिवालय के नॉर्थ ब्लॉक स्थित सीबीडीटी के ऑफिस में देर रात तक काम चलता रहा।