कर्ज में डूबे एयर इंडिया की माली हालत सुधारने के लिए कंपनी ने एक तरीका इजात किया है। जिसमें कंपनी अब अपनी इंटरनेशनल उड़ानों में इकनॉमी श्रेणी के यात्रियों को खाने में सलाद नहीं परोसने के बारे में विचार कर रही है। साथ ही लागत घटाने के लिए वह फ्लाइट में रखी जाने वाली न्यूज और बिजनेस मैग्जीनों की संख्या भी कम कर सकती है।

एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी ने बातचीत में कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव को कड़े शब्दों में कमर्शियल फॉर्मेट्स अपनाने को कहा था। इसी क्रम में कंपनी के टॉप एग्जीक्यूटिवस ने लागत कम करने के कई उपाय सुझाए हैं।

सरकार एयर इंडिया के निजीकरण पर विचार कर रही है और उसने कंपनी को किसी तरह का राहत पैकेज देने से भी इंकार कर दिया है।।

भाषा के मुताबिक ऑफिसर ने सुझाव दिया कि फ्लाइट में हर सीट पर पत्रिका रखे जाने के बजाय केवल 25 प्रतियां मैगजीन स्टैंड पर रख दी जाएं। इससे विमान के वजन में कमी आएगी और ईंधन की लागत कम होगी।