500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद देशभर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या भुगतान कई गुना बढ़ गया है। लेनदेन के लिए क्रेडिट-डेबिट कार्ड यानी प्लास्टिक मनी तकरीबन हर पर्स में पहुंच गई है।
नोटबंदी के मुद्दे पर बैंक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार डिजिटल मनी पर जोर दे रही है। डिजिटल बैंकिंग को मिशन के तौर पर आगे बढ़ाने के लिये कार्यबल गठित की गई है। उन्होंने कहा कि खरीदारी को लेकर देश में लोगों की आदतें बदल रही हैं। लोग डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
नोटबंदी के असर को लेकर बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जेटली ने कहा, ‘देश में 80 करोड़ कार्ड सर्कुलेशन में हैं। 40 करोड़ का सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। डिजिटल वॉलेट से लेनदेन और बढ़ेगा। फिजिकल करंसी सिकुड़ेगी, लेकिन बिजनस बढे़गा।’
ग्रामीण इलाकों में कैशलेश ट्रांजैक्शन में दिक्कत होगी, इस सवाल पर जेटली ने कहा कि जहां मोबाइल ऐप पहुंचने में दिक्कत हैं वहां पीओएस मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
फिलहाल भारत में 22 फीसद उपभोक्ता कैशलेस लेनदेन करते हैं और डिजिटल, प्लास्टिक मनी, नेट बैंकिंग, चेक और ड्राफ्ट के जरिए अपना भुगतान करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारत में सिर्फ डिजिटल मनी का उपयोग लगभग 3500 अरब रुपये तक पहुंच जाएगा।