ओपिनियन पोस्‍ट।

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर तेज कर दिया है। उन्‍होंने चीनी आयात पर 200 अरब डॉलर (करीब 14 लाख 42 हजार करोड़ रुपये) के सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ फिर लगा दिया है। यह आयात शुल्क 5 हज़ार से ज़्यादा वस्तुओं पर लागू होगा। नया टैरिफ प्लान 24 सितंबर से प्रभावी हो जाएगा।

आगे चल कर 1 जनवरी 2019 से इन सामानों पर टैरिफ बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि ऐपल स्मार्ट वॉच और फिटबिट व बाइस्किल हेल्मेट,  बेबी कार सीट्स जैसे उपभोक्‍ता उत्‍पादों को इस दायरे से बाहर रखा गया है।

बता दें कि ट्रंप टैरिफ वॉर के पहले चरण में पहले ही चीन से आयात होने वाले 50 अरब डॉलर (करीब 3 लाख 62 हजार करोड़ रुपये) के सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू कर चुके हैं, लेकिन यह एक बार में लगाया गया सबसे अधिक शुल्क है। दोनों देश पहले ही एक-दूसरे पर 500 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगा चुके हैं जिसका असर अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों पर पड़ा है।

चीन को लेकर ट्रंप के तेवर इतने तीखे हैं कि उन्होंने टैरिफ के नए दौर के ऐलान के साथ चीन को जवाबी कार्रवाई को लेकर सख्त चेतावनी भी दी है। माना जा रहा है कि इसका असर चीन के साथ-साथ अमेरिका में फर्नीचर बाज़ार पर भी पड़ेगा। उधर, चीन ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि अगर अमेरिका आयात शुल्क लगाता है तो वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा।

टंप ने कहा है कि अगर चीन अमेरिका के किसानों या उद्योगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है तो हम तीसरे चरण की शुरुआत कर देंगे, जिसके तहत करीब 267 अरब डॉलर (करीब 19 लाख 34 हजार करोड़ रुपये) के अतिरिक्त सामानों के आयात पर टैरिफ लगेगा।

अमेरिका अगर 267 अरब डॉलर के अतिरिक्त सामानों पर भी टैरिफ लगा देता है तो चीन से आयात होने वाले 517 अरब डॉलर (करीब 37 लाख 45 हजार करोड़ रुपये) के सामानों पर टैरिफ लग जाएंगे यानी चीन से तकरीबन सभी आयातित सामानों पर टैरिफ लग जाएगा।

चीन के सामानों पर टैरिफ का यह फैसला तब लिया गया जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के व्यापार से जुड़े मतभेदों को खत्म करने की कोशिश नाकाम हो गई। अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रटरी स्टीवन मुचिन ने पिछले हफ्ते चीन के शीर्ष अधिकारियों को नए दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था लेकिन अभी तक शेड्यूल ही तय नहीं हो पाया है।

ट्रंप ने कहा, ‘हम जरूरी बदलावों को लेकर स्पष्ट हैं। हमें पता है कि किस तरह के बदलाव करने हैं और हमने चीन को ठीक से व्यवहार करने के लिए हर मुमकिन मौके दिए हैं। लेकिन अभी तक चीन अपने रवैये में बदलाव का इच्छुक नहीं दिखा है।’

दूसरी तरफ चीन ने बातचीत से विवाद के हल की बात कही है। चीन के सिक्योरिटी रेग्युलेटर के वाइस चैयरमैन फैंग जिंघाई ने बंदरगाह शहर तियानजिन में मंगलवार को एक फोरम में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष साथ बैठेंगे और बात करेंगे। हालांकि अमेरिका के हालिया कदम ने बातचीत के माहौल को ‘जहरीला’ बना दिया है।