आगामी चुनाव में नवादा से गिरिराज सिंह के लडऩे अथवा न लडऩे की खूब चर्चा पिछले दिनों चल रही थी. विरोधी बेगूसराय से उनके लडऩे को लेकर खूब दावे-प्रतिदावे कर रहे थे. इस चक्कर में नवादा सीट छोडकऱ पलायन कर जाने तक का आरोप उन्हें झेेलना पड़ा. बाद में मसले का पटाक्षेप करते हुए उन्होंने खुद कहा कि वह नवादा से ही चुनाव लड़ेंगे, किसी अन्य सीट की तरफ उनकी नजर भी नहीं है.

giriraj singhनवादा लोकसभा सीट पर दिग्गजों की भिड़ंत होने की पूरी संभावना दिख रही है. कई कद्दावर नेताओं ने इस सीट में दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने गाहे-बगाहे अपनी इच्छा जाहिर करने में कोताही भी नहीं रख छोड़ी है. बार-बार नवादा आकर लोगों से जुड़े रहने की उनकी कवायद बिना कहे काफी कुछ कह रही है. समर्थकों के उत्साह की बात करें, तो ऐसा लगता है कि जैसे उनके नेता का ही टिकट पक्का है. आलाकमान की सोच और गठबंधन के पेंच के बीच किसके पाले में यह सीट जाएगी, फिलहाल राजनीति प्रेक्षक और आम लोग इसी पर कयास लगा रहे हैं. नवादा लोकसभा सीट पर अभी भाजपा के फायर ब्रांड नेता एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कब्जा है. आगामी चुनाव में नवादा से उनके लडऩे अथवा न लडऩे की खूब चर्चा पिछले दिनों चल रही थी. विरोधी बेगूसराय से उनके लडऩे को लेकर खूब दावे-प्रतिदावे कर रहे थे. इस चक्कर में नवादा सीट छोडकऱ पलायन कर जाने तक का आरोप उन्हें झेेलना पड़ा. बाद में मसले का पटाक्षेप करते हुए उन्होंने खुद कहा कि वह नवादा से ही चुनाव लड़ेंगे, किसी अन्य सीट की तरफ उनकी नजर भी नहीं है.

अब बात अन्य दलों के दिग्गजों की. इस सीट के लिए लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के चुनाव लडऩे की चर्चा भी पिछले दिनों खूब जोर-शोर से उठती रही. हालांकि, इस पर तब जाकर विराम लग सका, जब करीब-करीब स्पष्ट हो गया कि भाजपा की यह सीट उसके खाते में ही जाएगी. इसलिए एनडीए की सहयोगी लोजपा को यह सीट मिल पाना संभव नहीं दिखता. इसके बाद वीणा देवी ने भी मुंगेर सीट पर अपनी दिलचस्पी जाहिर कर पूरा मामला खत्म कर दिया. हालांकि, उत्साही कार्यकर्ता अब भी भरोसा कर रहे हैं कि नवादा सीट की दावेदारी बड़े नेताओं ने अब तक नहीं छोड़ी है. बहरहाल, लोग इसे बस कहने-सुनने भर की बात मानकर चल रहे हैं. उधर, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दिग्गज नेता डॉ. अरुण कुमार ने भी नवादा सीट से चुनाव लडऩे के सवाल पर यह कहकर संभावनाओं और कयासों को हवा दे दी है कि किसी भी सीट से लडऩे में उन्हें परेशानी नहीं है.

महा-गठबंधन के प्रमुख दल राजद और कांग्रेस की दावेदारी के बीच नवादा की राजनीति में खास दखल रखने वाले कई नेताओं की नजर भी इस सीट पर होने से नजारा रोचक रहने का अनुमान है. अभी हाल में यौन शोषण के मामले में नवादा के पूर्व विधायक राज बल्लभ प्रसाद के सजायाफ्ता होने के बाद परिवार के किसी नए चेहरे को सामने लाने की तैयारी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर राजनीतिक प्रेक्षक इस बात को बखूबी समझ रहे हैं कि यह चेहरा राज बल्लभ प्रसाद का ही होगा. उल्लेखनीय है कि गत चुनाव में राज बल्लभ प्रसाद ने राजद के टिकट पर उम्दा प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था. गिरिराज सिंह ने 3,90,248 और राज बल्लभ प्रसाद ने 2,50,091 मत हासिल किए थे. जदूय प्रत्याशी कौशल यादव ने भी 1,68,217 मत पाकर खुद को इस चुनाव में साबित किया था. कौशल यादव की दिलचस्पी इस चुनाव में क्या रहेगी, यह तो एनडीए का साथी होने के कारण अभी बहुत स्पष्ट नहीं है.

टिकट पाने की होड़

नवादा में इन दिनों टिकट पाने की होड़ लगी है. राजनीति का ककहरा पढ़ रहे लोग भी दावेदारी जताने में लगे हैं और समर्थकों को विश्वास दिलाने में लगे हैं कि उनका टिकट तो पक्का है. बड़े नेताओं की छत्रछाया में रहने का गुमान ही उन्हें इस बात के लिए उकसा रहा है कि अब खम ठोंक कर अखाड़े में कूद जाने का सही वक्त आ गया है. चुनाव में दम दिखाने की होड़ में नेताओं के अलावा व्यवसायी एवं शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग भी शामिल हैं. इन सबकी उपस्थिति चुनाव को कितना रोचक बनाएगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन मेंढकी को जुकाम हो गया है.