kamalnath darkar

मुख्यमंत्री कमल नाथ चाहते हैं कि वह सत्ता की स्लेट पर एक ऐसी लकीर खींचने में कामयाब हों, जिसे राज्य की जनता हमेशा याद रखे. यही वजह है कि उनकी नई-नवेली सरकार के पहले रिपोर्ट कार्ड में शिवराज सरकार के पोस्टमार्टम के दृश्य ज्यादा हैं.

kamalnath darkarमुख्यमंत्री कमल नाथ ने डेढ़ दशक बाद ‘हाथ’ में सत्ता की कमान आते ही शिवराज सरकार के कारनामों पर जांच बैठा दी. उन सभी योजनाओं के नाम बदले जा रहे हैं, जो दीन दयाल उपाध्याय से जुड़ी हैं. बकौल कमल नाथ, दीन दयाल के नाम पर योजनाएं चलाकर पूर्व सरकार ने राज्य में संघ का एजेंडा लागू करने की कोशिश की. नर्मदा सेवा और आदि शंकराचार्य एकात्म यात्रा संचालित करने वाली जन अभियान परिषद को भी बंद करने की योजना है. कांग्रेस मानती है कि भाजपा सरकार ने इसे संघ के कार्यक्रम आयोजित करने वाली एजेंसी बना दिया था. जाहिर है, इसकी जांच कर संघ से जुड़े लोगों की नियुक्तियां भी रद्द होंगी.

कमल नाथ और शिवराज इन दिनों राज्य की सियासत में केंद्र बने हुए हैं. विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस ने पर्दे के पीछे राजनीतिक जोड़-तोड़़ को अहमियत देकर विपक्ष को मात दे दी. विपक्ष न तो अपना विधानसभा अध्यक्ष बना सका और न उपाध्यक्ष. कमल नाथ ने ऐसी सियासी लाइन खींची कि विपक्ष की लाइन छोटी पड़ गई. शिवराज सिंह का कहना है, सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने के लिए असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष का चयन किया है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने एन. प्रजापति के चार प्रस्ताव तो पढ़े, लेकिन विजय शाह का प्रस्ताव जान-बूझकर दरकिनार कर दिया. विरोध में विपक्ष ने राजभवन तक मार्च भी किया. हिना कांवरे के विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने पर विपक्ष ने स्पीकर पर तानाशाही का आरोप लगाया. भाजपा नेताओं ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का निर्वाचन अवैध करार देते हुए दिल्ली में राष्ट्रपति के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई है. अमूमन विधानसभा का उपाध्यक्ष विपक्ष का होता है, लेकिन कमल नाथ ने भाजपा की बाजी पलट दी.

बदलाव के सूरमा

कांग्रेस के लिए बदलाव के सूरमा बने कमल नाथ ने सदन में उधार के विधायकों के दम पर बहुमत साबित करके एक नई सियासी लकीर खींच दी. उन्होंने चेतावनी दी कि सदन में जो हुआ, एक ट्रेलर था, अब भाजपा के कई खुलासे होंगे. उन्होंने लोकसभा चुनाव का शंखनाद करते हुए किसानों को आगामी १ अप्रैल से एक हजार रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा कर दी है. पेंशन उन सभी किसानों को मिलेगी, जिनकी उम्र साठ साल हो चुकी है और आयकर दाता नहीं हैं. कांग्रेस किसानों की कर्ज माफी के बाद उन्हें अपने पाले से बाहर नहीं जाने देना चाहती. कमल नाथ ने मंत्रियों से कहा कि वे भोपाल में रुकने की बजाय अपने क्षेत्र में मौजूद रहें और कर्ज माफी को लेकर भाजपा के आरोपों का जवाब दें. उन्होंने कहा कि वचन पत्र प्राथमिकता से पूरा किया जाए. सबसे पहले 6,000 गौशालाएं बनेंगी. प्रत्येक गौशाला पर करीब 26 लाख रुपये की लागत आएगी. जहां गौशाला के लिए जमीन नहीं है, वहां पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट तैयार किए जा सकते हैं. इसके अलावा सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की राह से भी खुद को अलग नहीं करना चाहती, इसलिए वह आध्यात्मिक विभाग गठित करने जा रही है. कांग्रेस धर्म से जुड़े मामलों पर काम करके भाजपा से यह मुद्दा छीन लेना चाहती है. राज्य में जल्द ही ताप्ती, मंदाकिनी और क्षिप्रा न्यास का गठन संभावित है.

कैग की रिपोर्ट लाभदायी

कमल नाथ घोषणा मंत्री नहीं कहलाना चाहते, इसलिए उन्होंने घोषणाएं करने और उन्हें पूरा कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंप दी है. नए साल पर छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास ने कहा कि जिले में कृषि महाविद्यालय खुलेगा. गौरतलब है कि इसके पहले शिवराज सिंह ने उद्यानिकी कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी. सरकारी खजाने की खस्ताहाली से गुजर रही कमल नाथ सरकार के लिए कैग की रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला रास्ता खोला है कि बिना अतिरिक्त बजट की व्यवस्था किए उसे किसानों की कर्ज माफी की धनराशि मुहैया हो जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 की स्थिति में 5291.62 करोड़ रुपये का बकाया है, वहीं 21576.37 करोड़ रुपये निराकरण की प्रक्रिया में फंसे हैं. यह धनराशि डिफाल्टरों ने दी नहीं या फिर रसूखदार होने के चलते जमा नहीं की. अगर डिफाल्टरों से सरकार 33138.36 करोड़ रुपये वसूल लेती है, तो किसानों का कर्ज माफ  करने के लिए उसे कर्ज नहीं लेना पड़ेगा. 1923.92 करोड़ रुपये पिछले पांच साल का पुराना बकाया है. वहीं भू-राजस्व, स्टांप, खनन, जलकर सहित 392 औद्योगिक इकाइयों से करीब 6270.37 करोड़  रुपये कम वसूले गए. इस तरह कुल धनराशि होती है, 35062.28 करोड़  रुपये.

निवेशकों के न्यौते रद्द

राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रशासनिक सर्जरी तेजी से कर रही है. 38 आईएएस और 78 आईपीएस अधिकारी इधर से उधर किए गए. सरकार उद्योग नीति में भी बदलाव करने जा रही है. भाजपा के कार्यकाल में पांच जीआईएस आयोजित हुए थे, जिनमें 20.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए गए थे, लेकिन उनमें से महज 43 हजार करोड़  रुपये के करार ही मुकम्मल हुए. जाहिर है, एमओयू की तुलना में निवेश पांच फीसद से भी कम हुआ. इसलिए टाटा, बिड़ला एवं अंबानी समूह के निवेशकों को भेजे गए न्यौते रद्द कर दिए गए.

सरकार वादे से मुकर रही

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कमल नाथ सरकार के एक माह का कार्यकाल निराशाजनक है. मंदसौर में भाजपा के पालिका अध्यक्ष लोकेंद्र कुमावत और डिब्बा कारोबारी संदीप की हत्या से जाहिर है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. केवल अफसरों के तबादले और शिवराज सरकार के कामकाज की फाइलें पलटने के सिवाय सरकार ने कुछ नहीं किया. किसानों के पूरे कर्जे माफ  नहीं किए. सरकार अपने वचन पत्र से मुकर रही है. वहीं कमल नाथ का कहना है, भाजपा के आरोपों की चिंता नहीं है, जनता हकीकत जानती है. हमें राज्य के माथे पर बरसों से लगा दाग मिटाना है.

कमल नाथ सरकार का रिपोर्ट कार्ड

  • मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ज्यादातर पूर्व सरकार के कामकाज की फाइलें ही पलटीं और उन पर कार्रवाई के आदेश दिए.
  • मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो घंटे बाद ही कमल नाथ ने किसानों की कर्ज माफी की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए.
  • अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं के लिए क्षिप्रा नदी में पानी की व्यवस्था न होने की शिकायत पर 48 घंटे के भीतर सरकार ने उज्जैन के कमिश्नर एमबी ओझा और कलेक्टर मनीष सिंह को लापरवाही बरतने के आरोप में हटा दिया.
  • हर महीने के पहले कार्य दिवस पर होने वाले वंदे मातरम् गायन कार्यक्रम को बंद करने का आदेश. सियासी बवाल पर सरकार का यू-टर्न, बोली कि पुलिस बैंड के साथ देश भक्ति के गीत बजाते हुए शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक जाएंगे.
  • जन अभियान परिषद का ढांचा बदलने का निर्णय.
  • मीसा बंदियों की पेंशन बंद करने का आदेश, बवाल के बाद यू-टर्न, बोली कि मिलेगी.
  • आनंद विभाग को बंद कर अध्यात्म विभाग बनाने का निर्णय, जिसमें धर्मस्व विभाग भी शामिल होगा.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों में शिवराज और मोदी की टाइल्स हटाने का निर्णय.
  • संबल योजना के तहत जारी शिवराज की फोटो वाले कार्ड निरस्त करने के आदेश, अब नए कार्ड छपेंगे.
  • सरकारी वकील और नोटरी की नियुक्तियों पर जांच बैठाई. सरकार को आशंका है कि भाजपा समर्थित लोगों को लाभ दिया गया.
  • बहुचर्चित व्यापमं को सरकार खत्म करने जा रही है. इसकी जगह कर्मचारी चयन बोर्ड बनेगा, जिसका प्रारूप अलग होगा. सरकार व्यापमं को घोटाले की निशानी मानती है.
  • राज्य की सभी कृषि मंडी समितियां भंग. निगम और बोर्डों में हुईं नियुक्तियां निरस्त. जन संपर्क विभाग की राज्य से लेकर तहसील तक की समितियां भंग.
  • शिवराज सरकार के समय नर्मदा यात्रा के दौरान साढ़े सात हजार पौधे रोपने का दावा किया गया था. वन मंत्री उमंग सिधार ने कहा, जांच कराई जाएगी.
  • विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए निर्माण कार्यों की जांच होगी. सभी विभागों से एक अक्टूबर तक हुए कामों की रिपोर्ट मांगी गई.
  • लाल फीताशाही हटाकर लाल कॉरपेट बिछाने का ऐलान.
  • कैग की रिपोर्ट में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में 9500 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटालों का खुलासा हुआ है. कमल नाथ सरकार उनकी जांच कराएगी.
  • कांग्रेस के सभी मंत्री हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देंगे, ताकि भाजपा कोई आरोप न लगा सके.