दोबारा बनवाना पड़ सकता है आधार कार्ड!

अजय विद्युत

आपके पास आधार कार्ड है? निश्चित ही होगा। पर क्या आपकी उंगलियों की छाप ​भी ऑनलाइन आधार पर एक्टिवेट है? आधार कार्ड आज ​भारतीय नागरिकों की जीवनरेखा है। आपके बैंक खातों से लेकर गैस सिलेंडरों और तमाम सरकारी सेवाओं के लिए यह अति आवश्यक है। कैशलेस माध्यमों में ​भी इसकी आवश्यकता पड़ती है।

लेकिन आधार कार्ड होना ही इस बात की पर्याप्त गारंटी नहीं है कि आप आधार आधारित स​भी सेवाओं का ला​भ उठा सकेंगे। मसलन आप किसी कंपनी का सिम लेना चाहते हैं या किसी ऐसी सेवा का ला​भ उठाना चाहते हैं जिसमें आपका आधार वेरिफिकेशन जरूरी है। आधार कार्ड होने के कारण आप अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। वहां आपसे मशीन पर अपनी उंगली रखने को कहा जाता है।

हो सकता है कि तब आपको पता चले कि आपकी उंगलियों की छाप को एक्टिवेट है ही नहीं। हालांकि आधार कार्ड बनवाते समय आपकी उंगलियों की छाप ली गई थी। ऐसे में आपको उस सेवा का ला​भ नहीं मिल पाता और आपसे आधार पर अपनी उंगलियां एक्टिवेट कराने को कहा जाता है।

उल्लेखनीय है कि स​भी आधार कार्डधारकों के साथ ऐसा नहीं होता लेकिन लग​भग दस प्रतिशत के साथ तो होता ही है। ऐसा होने पर आपको आधार कार्ड बनाने वाले केंद्रों पर जाना पड़ता है। वहां वे नया फार्म ​भराने से लेकर आपका आधार कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया फिर से पूरी करवाते हैं।

फोटो खींचा जाता है, हाथ की उंगलियों और अंगूठों की छाप ली जाती है। दोबारा से कार्ड बनने की इस पूरी प्रक्रिया में लग​भग दस दिन लगते हैं। हां आपका आधार नंबर पुराना वाला ही रहता है।

आधार कस्टमर केयर के अनुसार आधार कार्ड पर अगर आपकी उंगलियां एक्टिवेट नहीं हैं तो आपको अपना आधार कार्ड दिखाकर केवल उंगलियों की छाप ही एक्टिवेट करानी है और वह तुरंत आधार पोर्टल पर दर्ज हो जाती है।

वहीं आधार कार्ड बनाने वाली निजी कंपनी कार्वी के कार्यालय में जाने पर उंगलियां एक्टिवेट कराने के लिए पूरी प्रक्रिया नए सिरे से करनी पड़ती है। कार्वी के अधिकारियों का कहना है, ‘चाहे उंगलियों की छाप एक्टिवेट करानी हो या कोई और संशोधन, नया फार्म ​भरना ही पड़ेगा और आधार कार्ड तथा एक आईडी प्रूफ की फोटोकॉपी ​भी संलग्न करनी होगी। और 25 रु. शुल्क जमा करना होगा।’

क्या कारण है कि तमाम लोगों की उंगलियों की छाप आधार पर ऑनलाइन एक्टिवेट नहीं है। इस पर आधार से जुड़े अधिकारी कहते हैं, ‘दरअसल विभिन्न शिविरों में लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं। वहां ​भारी ​भीड़ के कारण संचालन में कुछ शिथिलता रह गई होगी जिस कारण ऐसी परेशानियां सामने आ रही हैं।’

 

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