चार अरब देशों ने सोमवार को कतर से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं। चारों देशों ने कतर के साथ डिप्लोमेटिक रिश्तों के साथ जमीन, समुद्र और हवाई रिश्ते भी खत्म कर दिए। आतंकी और चरमपंथी संगठनों को समर्थन का आरोप लगाते हुए कतर के खिलाफ ये एक्शन लिया गया है। सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ते हुए अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। साथ ही इन देशों ने कतर के सभी राजनयिकों को देश छोड़कर चले जाने को कह दिया है।

बहरीन ने अपने फैसले के लिए कतर की मीडिया उत्तेजना, आतंकी गतिविधियों को समर्थन, बहरीन में अफरातफरी फैलाने और तोड़फोड़ करने के लिए ईरानी समूहों से संबंधित वित्तपोषण आदि को जिम्मेदार ठहराया है। कतर ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

बहरीन ने कतर में रह रहे अपने सभी नागरिकों को वहां से लौटने के लिए 14 दिन का वक्त दिया है।

 सऊदी अरब ने अपने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सऊदी को आतंकवाद और कट्टरपंथ से बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। सऊदी ने अपने सभी मित्र राष्ट्रों और कंपनियों से भी अपील की है कि वे भी कतर के साथ सभी तरह के संपर्क तोड़ दें।

मिस्र और UAE ने भी कतर के साथ सभी तरह के संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मिस्र ने कतर पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया है वहीं UAE का कहना है कि कतर पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र की सुरक्षा को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।

आतंकी संगठन ISIS को समर्थन देने का आरोप

सऊदी अरब ने कतर पर मुस्लिम ब्रदरहुड और आतंकी संगठन ISIS को समर्थन देने का आरोप भी लगाया है। साथ ही यमन के खिलाफ सऊदी की लड़ाई को कतर मीडिया में नकारात्मक तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया। हाल ही में मिस्त्र ने मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थन के आरोप में कई न्यूज वेबसाइट्स पर बैन लगाया था।