उत्तराखंड के अलावा हिमाचल के करीब एक दर्जन इलाकों में जंगल की आग से नुकसान की खबर है। कसौली के एक स्कूल तक पहुंची आग को वक्त रहते बुझा दिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। जिस वक्त आग स्कूल तक पहुंची थी, उस दौरान स्कूल में करीब 600 बच्चे मौजूद थे। वहीं सोलन जिले की करीब आधा दर्जन जगहों पर आग से जान-माल का ख़तरा बना हुआ है। 12 जगहों पर बड़ी आग है और 90 जगहों पर छोटी आग है। सोलन के अलावा शिमला, सिरमौर, कुल्लू और कांगड़ा में भी जंगल की आग से काफ़ी नुकसान की ख़बर है। 3,000 दमकलकर्मी आग पर क़ाबू पाने में जुटे हैं। ख़तरनाक रास्तों की वजह से दमकलकर्मी प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंच पा रहे हैं।
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, गर्मी के दिनों में जंगल में आग लगना आम बात है। लेकिन इस बार यह बड़े स्केल पर देखी गई। आमतौर पर यहां के जंगलों में ‘फायर सीजन’ 15 फरवरी से शुरू होकर 15 जून तक चलता है। रिपोर्ट की मानें तो 2 फरवरी को जंगल में लगी आग से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि जंगल में तभी से आग लगनी शुरू हुई।