‘विकास की चिड़िया’ पर सियासत

रमेश कुमार ‘रिपु’

छत्तीसगढ़ पिछड़ा राज्य है, यह कह कर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को सकते में डाल दिया है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार रमन सरकार के कामकाज और प्रदेश में विकास की तारीफ कर चुके हैं। अमिताभ कांत का मानना है कि देश इसलिए पिछड़ गया है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य दक्षिण और पश्चिमी राज्यों के मुकाबले विकास में पिछड़े हुए हैं। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री रमन सिंह को आड़े हाथ लेकर अब कांग्रेस पूछ रही है कि कहां है विकास की चिड़िया। रमन सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य से निकल कर अब विकसित राज्य की श्रेणी में आ गया है। सरकार के इसी दावे और नीति आयोग के सीईओ के बयान पर कांग्रेस मुख्यमंत्री से पूछ रही है कि यदि छत्तीसगढ़ विकसित राज्य है तो फिर 45 लाख शिक्षित युवक बेरोजगार क्यों हैं? यदि छत्तीसगढ़ बीमारू प्रदेश से निकल कर एक उन्नतशील राज्य बन गया है तो फिर गरीबी का प्रतिशत बढ़कर 27 फीसदी क्यों हो गया है? गर्भाशय कांड, आंख फोड़वा कांड, तेंदूपत्ता घोटाला, चरण पादुका घोटाला, नान घोटाला, बारदाना घोटाला क्यों हुआ? ये ऐसे सियासी सवाल हैं जिन्हें विपक्ष अगले विधानसभा चुनाव में जोर शोर से उठाएगा।
नीति आयोग के बयान से सरकार पसोपेश में है। अमिताभ कांत ने रमन सिंह के विकास को जो सर्टिफिकेट दिया है वह विपक्ष के लिए चुनावी साल में चुनावी औजार से कम नहीं है। अमिताभ कांत ने रमन सरकार विरोधी बयान उस वक्त दिए जब मुख्यमंत्री प्रदेश में विकास यात्रा निकालने जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल कहते हैं, ‘रमन सरकार का विकास केवल इश्तेहारों में है। सच्चाई वही है जो कांग्रेस पिछले 15 साल से कहती आ रही है और अब नीति आयोग ने भी वही बात कही है। अब तो नीति आयोग प्रदेश सरकार से स्वयं पूछ रहा है कि कहां है विकास की चिड़िया। रमन सिंह बताएं कि विकास यात्रा सरकार की है या फिर भाजपा की। यदि सरकार की है तो मंच पर भाजपा के अन्य पदाधिकारी क्यों बैठते हैं। जनता के पैसे की बरबादी क्यों की जा रही है।’

ट्विटर पर चहक रही चिड़िया
छत्तीसगढ़ में मंच से लेकर ट्विटर तक विकास की चिड़िया बहुत चहक रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के बीच ट्विटर पर विकास को लेकर ऐसी बहस शुरू हुई कि राजनीति गरमा गई और विकास की चिड़िया मुद्दा बन गई। ऐसा नहीं है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने विकास को लेकर विपक्ष को आड़े हाथ न लिया हो। वे कई बार कह चुके हैं कि अबकी चुनाव में विकास का ब्रह्मास्त्र चलेगा। लेकिन चुनावी साल होने की वजह से मुख्यमंत्री के हर बयान को विपक्ष लपक रहा है और उनकी बातों को सियासी रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सरगुजा के लूंड्रा ब्लॉक के बटवाही गांव में एक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 14 साल में सरकार ने क्या किया है, जनता को बताने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। पिछले 50 सालों तक राज करने वालों को यह पता नहीं है कि विकास किस चिड़िया का नाम है।
उनके इस बयान के बाद भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर हैंडल पर कई ट्वीट कर सियासत गरमा दी। उन्होंने विकास की चिड़िया को खोजने का एक आमंत्रण-पत्र छपवा कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। उन्होंने आमंत्रण-पत्र के जरिये मुख्यमंत्री से पूछा है, ‘कब चल रहे हैं विकास की चिड़िया खोजने। स्वेच्छा से स्थान और तारीख तय कर सूचित कर दें। चाहें तो अपने विधानसभा क्षेत्र में गोद लिए गांव सुरगी में विकास की चिड़िया दिखा दें। बस शर्त एक ही है कि हर यात्रा सड़क मार्ग से होगी और साथ होगी। मैंने बस्तर में सौ किलोमीटर की पद यात्रा की है। बस्तर के विकास का सच जानता हूं। 15 साल के शासन में एक भी जिले को नक्सली मुक्त नहीं करवा पाए तो यह अपने आप में विकास के झूठ का नंगा सच है।’
इस पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘पता नहीं भूपेश बघेल किस नंबर का चश्मा पहनते हैं। उन्हें विकास ढूंढे नहीं मिलता। छत्तीसगढ़ की जनता को विकास दिखाने और बताने की जरूरत नहीं है। भाजपा की जनसंपर्क यात्रा में जनता ने भाजपा विधायक, मंत्री और कार्यकर्ताओं का जगह-जगह स्वागत और सम्मान किया है। कांग्रेसी हैरान हैं इस अभूतपूर्व स्वागत से। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उसका क्या जवाब दिया जाए। विकास सड़कों पर दिखता है। उसे महसूस होता है। छत्तीसगढ़ की गांव गलियों में जो ढूंढेगा उसे विकास नजर आएगा। विकास ढूंढने की जरूरत नहीं है।’

ग्राम सुराज बनाम चौपाल
मुख्यमंत्री रमन सिंह ग्राम सुराज यात्रा में विकास की बातें कर रहे हैं और मौके पर ही जनता की कई समस्याओं का निदान भी कर रहे हैं। इसी बहाने मतदाताओं के दिलों में क्या है, उसकी टोह भी ले रहे हैं। इसके जवाब में विपक्ष चुनाव को ध्यान में रखकर न केवल सरकार की निंदा कर रहा है बल्कि स्वयं भी विकास की चिड़िया कहां है, आम मतदाता से पूछ रहा है। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव तपती दोपहरी में मोटरसाइकिल पर सवार होकर ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे हैं। गांव में चौपाल लगा कर लोगों से सवाल-जवाब कर रहे हैं। रमन सरकार के कामकाज पर लोगों की राय पूछने के साथ ही विकास की चिड़िया ढूंढ रहे हैं। घुनघुट्टा नहर के पुनर्निर्माण में गुणवत्ता विहीन काम पर अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने पूछा, ‘क्या यही विकास है। ठीक से काम करें नहीं तो हटवा दूंगा’। गौरतलब है कि सरगुजा संभाग के सबसे बड़े बांधों में घुनघुट्टा नहर एक है। बनने के 40 साल बाद भी इसकी मरम्मत नहीं की गई। यही वजह है कि अब एक दर्जन गांवों के खेतों को इस नहर का पानी मिलता है। इसलिए कि मुख्य नहर में पानी पूरा नहीं आता। सहायक नहरों में तो दशकों से पानी नहीं गया। नहर की मरम्मत के लिए चालीस साल बाद 150 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। टीएस सिंह देव ने नहर के कैनाल का निरीक्षण किया और पाया कि 50 करोड़ रुपये मंजूर होने के बाद भी मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ है।

गुमशुदा विकास
प्रदेश की राजधानी रायपुर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने कार्यकर्ताओं के साथ सिविल लाइन थाने में विकास की चिड़िया की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और उसे ढूंढ कर लाने की मांग की। उनका कहना है कि पिछले 14 सालों में विकास केवल भाजपा के मंत्रियों का हुआ है। राजधानी रायपुर में विकास की चिड़िया को ढूंढा गया लेकिन वह मिली नहीं। हो सकता है कि भ्रष्टाचार की धूल में कहीं दबी हो या फिर घोटाले की फाइल में कहीं हो। कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में तलाश करने पर पाया कि विकास नाम की चिड़िया लापता हो गई है। ऐसे में शिकायत दर्ज कर विकास नाम की चिड़िया की तलाश की जाए। उन्होंने कहा कि जो भी सशक्त और मजबूत विकास को ढूंढ लाएगा उसे उचित इनाम दिया जाएगा।

विकसित राज्य है छग : रमन
मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है, ‘हमने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने का लगातार प्रयास किया है जिसे जनता जानती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर का विकास देखकर आश्चर्य हुआ। इन क्षेत्रों में विकास रायपुर व दुर्ग जिलों से अधिक हुआ है। हम लगातार जनता के पास जाने की हिम्मत अपने विकास कार्यों के कारण कर पा रहे हैं। एक लाख 20 हजार साइकिल, 30 हजार सिलाई मशीन, 90 हजार मजदूर पेटी, 50 लाख स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे। हम लगातार जनता के जीवन स्तर को उठाने का कार्य करने वाले दीनदयाल जी के अनुयायी हैं जिनका मूलमंत्र अंत्योदय का सिद्धांत है।’ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक का कहना है कि पार्टी के लोक सुराज अभियान और सरकार की जनसंपर्क यात्राओं में न सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखी और न ही सीएम से कोई असंतोष। संगठन जनता के इस फीड बैक से प्रसन्न है। विधायकों से कुछ लोग नाराज जरूर हैं। उन्हें जनता की नाराजगी दूर करने को कहा गया है। सरकार और मुख्यमंत्री के प्रति कहीं भी असंतोष नहीं है, केवल विपक्ष गलत प्रचार कर रहा है।

रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव कहते हैं, ‘अजित जोगी के समय छत्तीसगढ़ एक बीमारू राज्य था। पिछले 14 साल में छत्तीसगढ़ में जो काम हुए हैं वो देश में कहीं नहीं हुए हैं। कई मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है। विकास की चिड़िया हर जगह है, सिर्फ देखना आना चाहिए। कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं जिन्हें कांग्रेस को भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। केवल विरोध करके कांग्रेस जनता के बीच अपनी पैठ नहीं बना सकती। जनता इसी वजह से कांग्रेस को पिछले तीन चुनाव से सत्ता से बाहर किए हुए है। चौथी बार भी यही होना है। देश में सबसे पहले खाद्य सुरक्षा योजना देने वाला राज्य छत्तीसगढ़ बना। देश में सबसे पहले राज्य के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा छत्तीसगढ़ ने दी। देश में सर्वप्रथम बालिकाओं को स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा देने का काम छत्तीसगढ़ में हुआ। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां मनरेगा के तहत 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार दिया जाता है। राज्य में सड़कों का जाल बिछा है। ऐसी कोई योजना नहीं है जिसके दायरे में प्रदेश की जनता न आती हो। रमन सरकार ने हर क्षेत्र में विकास के झंडे गाड़े हैं। ‘सबसे सरोकार, रमन सरकार’ इस बात को ध्यान में रखकर बेमिसाल छत्तीसगढ़ के निर्माण में पिछले 14 साल से लगी है। विपक्ष का बेवजह विरोध करके राज्य के विकास में रोड़ा बनना स्वस्थ राजनीति नहीं है।’

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