देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पदभार संभालने के बाद से एक्शन में हैं. लगातार फैसले ले रही हैं. सेना के अफसरों से मुलाकात कर रही हैं. बॉर्डर पर जा रही हैं, जवानों से मिल रही हैं.
निर्मला सीतरमण ने कई ऐसे नियम बनाने की शुरुआत की है जिसका डिफेंस मिनिस्ट्री की वर्किंग स्टाइल पर सकारात्मक असर पड़ सकता हैं.

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि नई रक्षा मंत्री नहीं चाहती कि उनकी नजरों से कोई अहम मुद्दा छूट जाए. आइए जानते हैं नई रक्षा मंत्री की वर्किंग स्टाइल.
निर्मला सीतारमण ने एक सबसे बड़ा नियम सेना के प्रमुखों से मिलने को लेकर लिया है. डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, रक्षा मंत्र रोज सुबह आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी. मंगलवार को मीटिंग के साथ इसकी उन्होंने शुरुआत कर भी दी है. इसका सबसे बड़ा फायदा रणनीति बनाने जैसे अहम क्षेत्र में होगा. दिनभर मंत्री अफसरों से मुलाकात करेंगी. जटिल मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए उन्होंने काम में तेजी लाने का लक्ष्य रखा है. तय समय में फैसले हो जाएं, इस ओर भी रक्षा मंत्री का ध्यान है. यह फैसला लिया गया है कि डिफेंस एक्विजीशन काउंसिल हर 15 दिन पर एक बार बैठक करेगी. बता दें कि रक्षा मंत्रालय के लिए सभी खरीद परोख्त यही काउंसिल करती है.
बताया जा रहा है कि काउंसिल की मीटिंग के पीछे सबसे बड़ा कारण यह कि मिलिट्री एक्विजीशन के फैसले में तेजी आए.
