शीतकालीन सत्र में हंगामे की तैयारी

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी और उससे उत्‍पन्‍न समस्‍याओं पर गर्मागर्म बहस हंगामेदार हो सकती है। नोटबंदी पर विपक्ष ने सरकार को सड़क से संसद तक घेरने की तैयारी कर ली है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी जहां राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की तैयारी में हैं वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने नोटबंदी के फैसले की जेपीसी से जांच कराने की मांग की है।

राज्यसभा में विपक्ष मे जमकर हंगामा किया। मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपना कालाधन सफेद कर लिया। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से देश का किसान, मजदूर और आम आदमी परेशान है। किसान को बीज के लिए पैसे चाहिए। आज किसान बैंक में 2000 के लिए लाइन में खड़ा है। किसान धोती में क्रेडिट कार्ड नहीं रखता है। सरकार ने सभी को अपराधी बना दिया। भारत को कालाबाजारियों का देश बना दिया गया है।

आनंद शर्मा ने कहा कि 2000 का नया नोट रंग छोड़ता है। बचपन में चूरन की पुड़िया में ऐसा नोट मिलता था। नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी यूनियनों को फैसला लीक किया गया। बैंक से कैस निकासी पर रोक क्यों है? नोटबंदी से बेटियों की शादियां तक रुकी हैं। गरीब की लाश अस्पतालों में फंसी है। बीजेपी ने घाव दिए और घाव पर नमक भी लगाया। मजदूर, किसान नोटबंदी से बेकार हुए। क्या गाजीपुर की रैली का भुगतान क्रेडिट कार्ड से हुआ? एसबीआई को मार्च से नोट बंद होने की जानकारी थी।

मायावती ने कहा कि राज्यसभा में प्रधानमंत्री को आकर नोटबंदी पर जवाब देना चाहिए। मैंने देखा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली दुखी दिख रहे हैं। वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि सारा देश सरकार के फैसले का स्वागत कर रहा है। कुछ लोगों को दिक्कत हो रही है। ईमानदारी का सम्मान हुआ है। गोपनीयता से बेइमानों को दिक्कत हुई।

सेशन से पहले पीएम मोदी ने कहा कि इस बार सत्र में अच्छी चर्चा होगी। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। सबके साथ रहने से अच्छा काम होता है। खुलकर चर्चा हो इसके लिए भी हम तैयार हैं। जनता की उम्मीदों पर चर्चा होगी। पीएम ने कहा कि पिछले सत्र में जीएसटी जैसा अहम बिल पास हुआ, ये बड़ा कदम था।

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