आस्ट्रलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हाल ही में कैपटाउन में खत्म हुए मैच में बॉल टैंपरिंग का मामला देखने को मिला है जिसमें आस्ट्रेेलिया के दो नामी खिलाड़ियों के नाम शामिल है। जिसके बाद यह बात उठी है कि बॉल टैंपरिंग क्या होता है और खिलाड़ी ऐसा क्यों करते हैं-

कैसे होती है बॉल टैंपरिंग

– बॉल को किसी आर्टिफिशियल चीज से चमकाने की कोशिश करना।

– बॉल को किसी भी नुकीली चीज (धातु, नाखुन, कंकड़-पत्थर) से खुरेचना।

– बॉल को ग्राउंड पर घिसना।

– बॉल को चूइंग गम या चूइंग के बाद के सलाइवा से चमकाना

आईसीसी के अधिनियम 42 के सबसेक्सन 3 में बॉल टेंपरिंग को लेकर बताया गया है कि मैच के दौरान प्लेयर्स बॉल में चमक लाने के लिए या अगर बॉल ओस या किसी कारण गिली हो गई है तो उसे पोछने के लिए तौलिये का इस्तेमाल कर सकता हैं लेकिन, अगर वह इसके लिए किसी कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल करता हैं तो वह अपराध माना जाएगा। इसके अलावा टॉवल का इस्तेमाल भी अंपायर के देखरेख में होना चाहिए।

क्यों होती है बॉल टैंपरिंग-

– असल में कुछ क्रिकेटर्स गेम को अपने पक्ष में करने के लिए ये गैरकानूनी काम करते हैं। जब बॉल पर किसी आर्टिफिशियल चीज से लगाकर उसे चमकाया जाता है, तो हवा उस चमकीले हिस्से से तेजी से पास होती है और बॉल स्विंग करती है। इससे बॉलर्स को बहुत फायदा होता है। वहीं कई बार नुकीली चीज से इसे खरोंचा जाता है, जिससे बॉल अच्छी तरह स्पिन करे।