भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग टीम इंडिया का मुख्य कोच बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। हालांकि उन्होंने सबसे बाद में इस पद के लिए आवेदन किया मगर माना जा रहा है कि अनिल कुंबले की जगह उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। कुंबले से टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के मतभेदों की खबरों को देखते हुए लगता नहीं कि कुंबले को फिर यह जिम्मेदारी मिलेगी। कुंबले का कॉन्ट्रैक्ट चैंपियंस ट्रॉफी के बाद समाप्त हो रहा है।
पहले इस तरह की अटकलें थीं कि सहवाग को कोच बनने में कोई दिलचस्पी नही है लेकिन बाद में उनके आवेदन करने से ये अटकलें न सिर्फ खत्म हो गईं बल्कि मुकाबला दिलचस्प भी हो गया है। समझा जाता है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कई आला अधिकारी न सिर्फ उनके समर्थन में हैं बल्कि उन्होंने ही उन्हें आवेदन करने के लिए राजी किया। साथ ही बीसीसीआई की सलाहकार समिति जो मुख्य कोच का चयन करेगी और जिसमें सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली शामिल हैं, उनसे भी सहवाग के अच्छे ताल्लुकात हैं और ये सभी एक क्रिकेटर के तौर पर सहवाग की सराहना करते रहे हैं। ऐसे में ये सभी सहवाग के पक्ष में फैसला ले सकते हैं। इन सब समीकरणों को देखते हुए ही सहवाग को इस पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
हालांकि सहवाग को अब तक कोचिंग का कोई अनुभव नहीं है। वे आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) की किंग्स इलेवन पंजाब के साथ जरूर पिछले दो सीजन से बतौर मार्गदर्शक जुड़े हुए हैं लेकिन उनके ‘मार्गदर्शन’ में यह टीम उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर पाई है। सहवाग टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच जिताऊ बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। सहवाग ने 104 टेस्ट और 251 वनडे में क्रमश: 8586 और 8273 रन बनाए हैं।
छह दावेदार
टीम इंडिया के मुख्य कोच पद के लिए कुल छह दावेदार हैं। इनमें सहवाग और अनिल कुंबले के अलावा लालचंद राजपूत, डोडा गणेश, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टॉम मूडी और ब्रिटिश क्रिकेटर रिचर्ड पायबस शामिल हैं। टॉम मूडी 2005 से 2007 तक श्रीलंका के कोच रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में श्रीलंकाई टीम 2007 में विश्व कप के फाइनल तक पहुंची थी। उन्होंने पिछली बार भी भारतीय टीम के मुख्य कोच के लिए आवेदन किया था लेकिन बीसीसीआई की सलाहकार समिति ने तब कुंबले के पक्ष में अपना मत दिया और उन्हें चुन लिया गया। वहीं रिचर्ड पायबस दूसरे विदेशी दावेदार हैं। वे पाकिस्तान और बांग्लादेश के कोच रह चुके हैं और वर्तमान में वेस्ट इंडीज की टीम के साथ जुड़े हैं।
शुरू से ही कुंबले के खिलाफ थे कोहली
बीसीसीआई के पूर्व सचिव अजय शिर्के ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली शुरू से ही अनिल कुंबले को मुख्य कोच बनाए जाने के खिलाफ थे। कुंबले का चयन करने वाले पदाधिकारियों में शामिल रहे शिर्के ने कहा, ‘जब कुंबले के नाम पर विचार किया जा रहा था तब भी कोहली ने अपनी चिंताएं जाहिर की थीं लेकिन उस वक्त बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने उसे समझाया कि सलाहकार समिति ने सर्वसम्मति से कुंबले का चुनाव किया है। उन्हें कम से कम एक साल काम का मौका दिया जाना चाहिए।’ शिर्के के मुताबिक ठाकुर के समझाने के बाद ही कोहली इस फैसले काे मानने के लिए राजी हुए थे।
कोहली और कुंबले के बीच पिछले कुछ महीनों से मनमुटाव चल रहा है। इसकी शुरुआत हुई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट मैच से जब कोहली के अनफिट होने पर कुलदीप यादव को पहला टेस्ट खेलने का मौका दिया गया। हालांकि, मैच खत्म होने के बाद कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अांजिक्य रहाणे और कुंबले के बोल्ड फैसले की जमकर तारीफ की थी। लेकिन अब ये बात खुलकर सामने आई है कि कोहली उस फैसले से खुश नहीं थे। कोहली ही नहीं टीम इंडिया के कुछ और सीनियर खिलाड़ी भी कुंबले की कोचिंग स्टाइल से खुश नहीं बताए जा रहे हैं। दोनों के बीच विवाद तब और खुलकर सामने आ गया जब चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने इंग्लैंड गई टीम के नेट प्रैक्टिस के दौरान कुंबले नेट में घुसे तो कोहली नेट छोड़कर चले गए।
भारतीय दावेदारों में शामिल लालचंद राजपूत अंडर-19 टीम के कोच रह चुके हैं। वे अभी अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम के कोच हैं। 2007 में जब टीम इंडिया ने टी-20 विश्व कप जीता था, उस वक्त राजपूत ही मुख्य कोच थे। उनके अलावा पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने भी इस पद के लिए आवेदन किया है। कर्नाटक के डोडा गणेश भारत की तरफ से 1997 में चार टेस्ट और एक वनडे मैच खेल चुके हैं। इसके अलावा वो 104 प्रथम श्रेणी मैचों में भी खेल चुके हैं। वो एक दाएं हाथ के पेसर होने के साथ-साथ एक उपयोगी पुछल्ले बल्लेबाज भी थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तो उन्होंने 365 विकेट लिए लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना प्रभाव छोड़ने में असफल रहे। डोडा गणेश और लालचंद राजपूत ने पहले भी आवेदन किया था लेकिन कुंबले को तरजीह दी गई थी।
पैसे पर बिगड़ सकती है बात
हालांकि बीसीसीआई में कइयों का मानना है कि सहवाग मोटा वेतन मांग सकते हैं। ऐसे में मूडी दौड़ में अग्रणी हो सकते हैं जिनका पिछली बार भी प्रेजेंटेशन अच्छा रहा था। कुंबले ने भी ज्यादा वेतन देने की मांग की थी जिसके बाद से ही बीसीसीआई उनसे खफा था। इस मसले पर सहवाग दौड़ में पिछड़ सकते हैं। मूडी अंतरराष्ट्रीय रसूख वाले कोच हैं और सनराइजर्स हैदराबाद के भी कोच रह चुके हैं। वह जान राइट और गैरी कर्स्टन की श्रेणी के कोच हैं जो भारत के सबसे सफल कोच रह चुके हैं। वह कम बोलने वाले और सुर्खियों से दूर रहने वाले कोच हैं। दो बार के विश्व कप विजेता ( 1987 और 1999 ) 52 बरस के मूडी ऑस्ट्रेलिया के लिए 76 वनडे खेल चुके हैं।
रिचर्ड पायबस ने प्रथम श्रेणी का सिर्फ एक मैच खेला है लेकिन उच्च श्रेणी के रणनीतिकार हैं। वह दो बार पाकिस्तानी टीम के कोच रह चुके हैं। डोडा गणेश गेंदबाजी कोच पद के भी दावेदार हैं। अगर जहीर खान इस पद के लिए रुचि दिखाते हैं तो बोर्ड किसी और नाम पर विचार नहीं करेगा। कोच के पद के लिए इंटरव्यू इंग्लैंड में ही होंगे। दावेदार स्काइप के जरिये इंटरव्यू दे सकते हैं। क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के अलावा सहवाग भी स्टार स्पोर्ट्स की कमेंट्री टीम के सदस्य के रूप में इंग्लैंड में ही हैं।