उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा, परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और वक्फ मंत्री मोहसिन रजा ने मंगलवार को विधान परिषद के उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इन सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है क्योंकि इनके विरोध में किसी और ने पर्चा दाखिल नहीं किया है।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की चार खाली सीटों के लिए 15 सितंबर को होने वाले चुनाव के नामांकन का मंगलवार को आखिरी दिन था। जबकि 18 सितंबर को एक सीट के लिए होने वाले चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख सात सितंबर को है। चार सीटों के लिए नाम वापसी की अंतिम तारीख 8 सितंबर और एक सीट के लिए नाम वापसी की अंतिम तारीख 11 सितंबर है। नाम वापसी की अंतिम तारीख के बाद ही इन सभी उम्मीदवारों के निर्वरोध निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा चुनाव आयोग की ओर से की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यशवंत सिंह की रिक्त सीट के लिए पर्चा भरा तो उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को डॉ. अशोक बाजपेयी की सीट से विधान परिषद में जाने का मौका मिलेगा। इसी तरह बुक्कल नवाब के इस्तीफा देने से खाली सीट पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की रिक्त सीट पर परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह उच्च सदन में पहुंचेंगे। ये चारों पहले समाजवादी पार्टी से विधान परिषद के सदस्य थे और इन्होंने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। बहुजन समाज पार्टी के ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफा देने के बाद रिक्त सीट पर वक्फ मंत्री मोहसिन रजा विधान परिषद में जाएंगे। जयवीर सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।

चुनाव आयोग ने 24 अगस्त को विधान परिषद की चार सीटों के लिए उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था। इसके तहत 15 सितम्बर को चुनाव होना था। तब कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के किसी पांचवे मंत्री को इस्तीफा देना होगा। इसी के दो दिन बाद चुनाव आयोग ने बसपा एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर भी उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया। इस सीट के लिए 18 सितंबर को चुनाव होना था।

विधान परिषद के उप चुनाव के लिए नामांकन करने विधान भवन जाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा के साथ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व मोहसिन रजा भाजपा कार्यालय पहुंचे। पार्टी आफिस में सभी के फार्मो की जांच की गई ताकि नामांकन पत्र में कोई गलती न रह जाए। इसके बाद यहां से सभी पैदल ही विधान भवन पहुंचे। उनके साथ भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।